भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार शिक्षा और नौकरियों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिये आरक्षण की नीति को न तो रद्द करेगी और न ही किसी को ऐसा करने देगी. भवानीपटना में एक जनसभा को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा, आरक्षण नीति को कोई भी बदलने की हिम्मत नहीं कर सकता जैसा कि संविधान में बीआर आंबेडकर ने तय किया है.
विभिन्न दलित संगठनों के एससी- एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम को कथित रूप से कमजोर करने के खिलाफ आयोजित राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान हुई हिंसा में करीब एक दर्जन लोगों की मौत के लिये शाह ने कांग्रेस और विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहराया.
उन्होंने कहा, 'बंद का आह्वान क्यों किया गया जब प्रधानमंत्री ने लोगों को आश्वासन दिया था कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ सरकार पुनर्विचार याचिका दायर करेगी. बंद के दौरान दस लोग मारे गए. कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल इन दस लोगों की मौत के लिये जिम्मेदार हैं.'
मीडिया और सोशल मीडिया में भाजपा के आरक्षण वापस लेने संबंधी भ्रामक प्रचार अभियान चलाये जाने का आरोप लगाते हुए शाह ने कहा, 'मैं इस जनसभा में इतने लोगों की उपस्थिति में यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि भाजपा आरक्षण वापस नहीं लेने जा रही और न ही वह किसी को ऐसा करने की इजाजत देगी.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हवाला देते हुये भाजपा अध्यक्ष ने कहा, 'भारत के संविधान में हमारा पूर्ण विश्वास है. बी आर आंबेडकर के संविधान में तय आरक्षण नीति में जरा सा भी बदलाव नहीं होगा. कोई इसे बदलने की हिम्मत नहीं कर सकता. भाजपा किसी को आरक्षण नीति में बदलाव की इजाजत भी नहीं देगी.'
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