नई दिल्ली: सबरीमाला मंदिर को लेकर महिलाओं पर केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बयान पर ब‍िहार के सीतामढ़ी व्यवहार न्यायालय में कोर्ट केस दर्ज किया गया है। एक वकील ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में स्मृति इरानी और महिलाओं के प्रवेश के विरोध में उक्त मंदिर के सामने प्रदर्शन कर रहे अज्ञात लोगों के खिलाफ भादवि की धारा 295 ए, 353, 124 ए, 120 बी आदि के तहत कोर्ट केस किया है।
आरोप लगाया है कि स्मृति इरानी का पूरी नारी जाति को अपवित्र कहना महिलाओं की मर्यादा के खिलाफ और यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनादर है।मामले की सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी।
गौरतलब है क‍ि सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमत‍ि दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भारी विरोध हो रहा है। स्मृति ईरानी ने इसको लेकर बयान दिया था कि अगर आप माहवारी के दिनों में खून से सना सैनेटरी नैपकिन लेकर अपने दोस्तों के घर नहीं जा सकते हैं उस हालत में मंदिरों में भी नहीं जाना चाहिए।
केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर मचे घमासान के बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि मुझे प्रार्थना करने का अधिकार है, लेकिन अपवित्र करने का अधिकार नहीं है। मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर रोक है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने इस फैसले पर रोक लगा दी और हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति दे दी। इस फैसले का हिंसक विरोध-प्रदर्शन हुआ और महिलाओं की एंट्री नहीं हो पाई।
अब इसी पर स्मृति ईरानी ने कहा है कि मुझे प्रार्थना करने का अधिकार है, लेकिन अपवित्र करने का अधिकार नहीं है। मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बात करने वाली कोई नहीं हूं क्योंकि मैं एक सेवारत कैबिनेट मिनिस्टर हूं। क्या आप मासिक धर्म के रक्त में सने सैनिटरी नैपकिन लेकर चलेंगे और दोस्त के घर जाएंगे? नहीं, तो आप उसे भगवान के घर में क्यों ले जाएंगे? यही फर्क है कि हमें इसे पहचानने तथा सम्मान करने की जरुरत है।
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