पुणे I जीत के रथ पर सवार भारतीय टीम गुरुवार से पुणे में शुरू हो रहे दूसरे क्रिकेट टेस्ट में उतरेगी, तो उसका इरादा इस लय को कायम रखते हुए सीरीज जीतने का होगा. दूसरी तरफ दक्षिण अफ्रीका शर्मनाक हार के गम को भुलाकर सीरीज में अपना अस्तित्व बनाए रखने उतरेगा. तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में टीम इंडिया को 1-0 से बढ़त हासिल है. दूसरा टेस्ट मैच सुबह 9:30 बजे शुरू होगा.
कोई कोताही बरतना नहीं चाहेंगे कोहली
विशाखापत्तनम में पहले टेस्ट में विराट कोहली की टीम ने 203 रनों से जीत दर्ज की. अब पुणे में ही सीरीज अपने नाम करने के लिए वह कोई कोताही बरतना नहीं चाहेंगे. लगभग ‘परफेक्ट’ प्रदर्शन में सुधार की गुंजाइश नहीं रहती, लेकिन कोहली हर बार एक नई चुनौती तलाश लेते हैं. भले ही सामना ऐसी टीम से है जो लगातार पांच दिन चुनौती देने की स्थिति में नहीं है.
सीरीज जीतने से बनेगा ये बड़ा रिकॉर्ड
दूसरी तरफ, भारतीय टीम घरेलू सरजमीं पर रिकॉर्ड लगातार 11वीं टेस्ट सीरीज जीतने की दहलीज पह है. टीम इंडिया अपनी धरती पर फरवरी 2013 से लगातार टेस्ट सीरीज जीत रही है. फिलहाल भारत और ऑस्ट्रेलिया लगातार 10-10 टेस्ट घरेलू सीरीज जीतकर बराबरी पर हैं. ऑस्ट्रेलिया ने दो बार (नवंबर 1994 से नवंबर 2000 और जुलाई 2004 से नवंबर 2008) अपनी धरती पर लगातार 10-10 टेस्ट सीरीज जीती है.
शीर्षक्रम की समस्या सुलझती नजर आ रही
रोहित शर्मा ने लगातार दो शतक जमाकर टेस्ट क्रिकेट में एक बेहतरीन सलामी बल्लेबाज के रूप में उभरने के संकेत दिए हैं. मयंक अग्रवाल भी हर मौके को भुनाने के फन में माहिर हैं. विशाखापत्तनम में उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपना पहला दोहरा शतक जड़ा, जिससे कम से कम घरेलू हालात में तो भारत की शीर्षक्रम की समस्या सुलझती नजर आ रही है.
निगाहें पिच पर, स्पिनरों को मिलेगी मदद?
भारत को इसके बाद बांग्लादेश से भी दो टेस्ट खेलने हैं. रोहित और मयंक के अलावा भारत के पास कोहली, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और हनुमा विहारी जैसे बल्लेबाज भी हैं. इसी मैदान पर पिछली बार 2017 में स्पिनरों की मददगार पिच पर ऑस्ट्रेलिया के ऑफ स्पिनर नाथन लियोन ने भारतीय बल्लेबाजों की हालत खस्ता कर दी थी.उस तरह की पिच मिलने की संभावना हालांकि इस बार नहीं है.
धूम मचा सकती है अश्विन-जडेजा की जोड़ी
क्यूरेटर पांडुरंग सालगांवकर यदि उससे मिलती जुलती पिच बनाते भी हैं, तो भारत के पास आर. अश्विन और रवींद्र जडेजा के रूप में विश्व स्तरीय स्पिनर हैं. पहले टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका के लिए डीन एल्गर और क्विंटन डि कॉक ने भले ही शतक जमाया, लेकिन 2017 में जिस तरह स्टीव स्मिथ ने यहां बल्लेबाजी की थी, उसे दोहरा पाना संभव नहीं है.
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