मुंबई I केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने दावा किया है कि ऐसे लोग पीएचडी की डिग्री पा रहे हैं, जिन्हें इसका ‘फुल फॉर्म’ तक नहीं पता है। इस मुद्दे पर उन्होंने यह कहकर हलचल मचा दी है कि महाराष्ट्र के एक मंत्री की पीएचडी की डिग्री भी इसी तरह की है। इस बारे में उनसे अधिक जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की गई, तो वे बोले, मेरा नाम ‘सत्य’पाल है।

ये बातें सत्यपाल सिंह ने आंध्र प्रदेश के कुर्रकुलव (जिला चित्तूर) में तिरुपति अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास बने ‘फर्ग्युसन सेंटर फॉर हायर लर्निंग’ के उद्घाटन समारोह में कहीं। उनके इस बयान के बाद मुंबई में अटकलों का दौर शुरू हो गया कि यह मंत्री कौन हैं? 

सत्यपाल सिंह ने कहा, ‘पीएचडी डिग्री लेने वाले व्यक्ति के पास विषय की संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए। आज के हालात में ऐसा नहीं होता। मैंने तो ऐसे लोग पीएचडी डिग्री लेते हुए देखे हैं, जिन्हें पीएचडी का ‘फुल फॉर्म’ तक नहीं पता है। वे पीएचडी में लिए विषय की उचित और पूरी जानकारी न होते हुए भी डिग्री लिए बैठे हैं। केवल महाराष्ट्र में ही नहीं, उत्तर प्रदेश में भी ऐसे मामले होते हैं। यह गंभीर मामला है।’ 

डार्विन-न्यूटन पर मेरे मत व्यक्तिगत
 
डार्विन और न्यूटन जैसे वैज्ञानिकों की थिअरी पर लगाए गए आक्षेपों के बारे में पूछने पर सत्यपाल सिंह ने कहा, ‘यह मेरा व्यक्तिगत मत है। मैं भी विज्ञान का विद्यार्थी था। मुझे लगता है कि विविध तरह की चर्चाओं और विरोध से विज्ञान बढ़ता है। इस बारे में केवल मैंने नहीं, मुझसे पहले जानकार लोगों ने भी बयान दिए हैं, लेकिन मेरे बयान के बाद नास्तिक और आस्तिक लोगों में विवाद पैदा हो गया है। इस पर प्रसार माध्यमों में भरपूर चर्चा हो रही है। 

'कैसे दी डिग्री' 
मैंने पीएचडी के विषय को मान्यता देने वाले और पीएचडी में उसे पास करने वाले विभाग प्रमुख से इस बारे में पूछताछ की। उन्होंने बताया, ‘मेरे हाथ में कुछ भी नहीं था। उच्च स्तर से मुझ पर दबाव था। मुझे डांटा गया, धमकी दी गई। मेरे पास विषय को मान्यता देने और पीएचडी में उत्तीर्ण करने के अलावा कोई चारा नहीं था।’ 

सत्यपाल सिंह ने ये कहा: 

‘मुझे पता है’: महाराष्ट्र में एक व्यक्ति के पास इसी तरह की डिग्री है और वह महाराष्ट्र में मंत्री है। 

‘नाम नहीं बताऊंगा’: उसका नाम मैं नहीं बताऊंगा। किस यूनिवर्सिटी से डिग्री ली है, यह भी नहीं बताऊंगा। 

‘मैंने पूछा था’: मैंने इस मंत्री से पूछा कि तुमने कौन से विषय में पीएचडी की है और तुम्हारी थिसिस में क्या है। उन्होंने इस विषय की और बाकी जो भी जानकारी दी, यह बताने लायक नहीं है। 
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