नई दिल्ली I केजरीवाल के धरना पॉलिटिक्स के बहाने विपक्ष की मोर्चाबंदी तेज हो गई. चुनी सरकार के अधिकार और संविधान की दुहाई देकर चार राज्यों के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री के सामने केजरीवाल की वकालत करेंगे. जाहिर है आज की नीति आयोग की बैठक काफी अहम है, जहां केंद्र और राज्यों की योजनाओं के बहाने केंद्र और राज्यों के संबंधों को लेकर भी जमकर सियासी शह और मात का खेल होगा.
नीति आयोग की बैठक में उठेगा ये मुद्दा
नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी और केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन निकल पड़े हैं. इन दोनों मुख्यमंत्रियों का कहना है कि वो नीति आयोग की बैठक में पीएम मोदी के सामने दिल्ली के LG की शिकायत करेंगे. अब सबकी नजर इस मुद्दे पर पीएम मोदी की प्रतिक्रिया पर टिकी है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल होने के लिए आंध्र प्रदेश भवन से निकल चुके हैं.
केजरीवाल के समर्थन में 4 CM
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार को तुरंत इस समस्या को सुलझाना चाहिए और सरकार को लोगों के लिए काम करने देना चाहिए. इस वजह से ही हम यहां आए, हम अपनी एकजुटता जताते हैं. वहीं कर्नाटक के सीएम के कुमारस्वामी ने भी कहा कि हम दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ अपनी एकजुटता दिखाने के लिए आए हैं. जबकि केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने इस विवाद के लिए सीधे केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. इसके अलावा चंद्रबाबू नायडू भी केजरीवाल के समर्थन में उतर आए हैं.
हालांकि ये चारों मुख्यमंत्री दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं. शनिवार को चारों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पहुंचे और उनकी पत्नी, उनके माता-पिता और उनके बच्चों से मुलाकात की. इसके बाद चारों मुख्यमंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और उसमें ममता बनर्जी ने पीएम से दखल देने की अपील तक की बात कर डाली.
केजरीवाल से मिलने की नहीं मिली इजाजत
इससे पहले ममता बनर्जी ने एलजी के निजी सचिव को चिट्ठी लिखकर एलजी के घर पर धरना दे रहे अरविंद केजरीवाल से रात 8 बजे मिलने का समय मांगा था. लेकिन इसकी इजाजत नहीं मिली. फिर चारों मुख्यमंत्रियों ने सीधे एलजी को चिट्ठी लिख कर कहा कि वो अरविंद केजरीवाल के मुद्दे पर अपना पक्ष रखना चाहते हैं. इसके लिए उन्हें रात 9 बजे मिलने का समय दिया जाए. लेकिन एलजी के घर से मौखिक तौर पर बताया गया कि वो घर पर नहीं हैं.
ये चारों मुख्यमंत्री पैदल मार्च करते हुए एलजी के दफ्तर तक जाना चाहते थे. इसे देखते हुए वहां की सुरक्षा बढ़ा दी गई. लेकिन इजाजत नहीं मिली. आम आदमी पार्टी इसके पीछे सीधे पीएम की भूमिका देख रही है. बहरहाल, इन चारों मुख्यमंत्रियों ने सीएम केजरीवाल के घर का रुख किया और चार राज्यों के मुख्यमंत्री के समर्थन से आप कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ गया है.

एक तरफ आम आदमी पार्टी चार मुख्यमंत्रियों के समर्थन से गदगद है तो दूसरी तरफ बीजेपी के विधायक दिल्ली सचिवालय में धरने पर बैठी सरकार के खिलाफ अनशन कर रहे हैं. वहीं, दिल्ली की जनता पानी-बिजली की समस्या को लेकर सड़कों पर उतर आई है.
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