नई दिल्ली प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में बुधवार को पूरक चार्जशीट पेश की. ईडी ने इस चार्जशीट को दुबई की अदालत में जेम्स क्रिस्टियन माइकल के प्रत्यर्पण के सबूत के तौर पर पेश किया है.

जेम्स इस सौदे का बिचौलिया है.  पता चला है कि इस चार्जशीट में 34 भारतीय और विदेशी नागरिकों और कंपनियों का नाम शामिल है. जेम्स जून से हिरासत में है और अब भारतीय एजेंसियां उसके प्रत्यर्पण की कोशिश में हैं.

भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक जेम्स को भारत लाने की कोशिश पिछले साल से ही जारी है. इस बारे में सभी जरूरी कागजात भी जमा कर दिए गए हैं. भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि ऐसी खबरें गलत हैं कि प्रत्यर्पण के लिए कागजात जमा नहीं कराए गए हैं. सभी कागजात यूएई के कोर्ट को उपलब्ध कराए गए हैं. अगर जांच के दौरान और कागजात की जरूरत पड़ी तो वे भी उपलब्ध कराए जाएंगे.

भारत सरकार के उच्च अधिकारियों के मुताबिक ईडी और सीबीआई के अधिकारियों ने जेम्स से दुबई में पूछताछ की थी. आपको बता दें कि भारत सरकार के अनुरोध पर जेम्स को हिरासत में लिया गया था. भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से इस प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया था.

ब्रिटिश नागरिक जेम्स इस सौदे के तीन बिचौलियों में से एक है. पता चला है कि जेम्स ने सौदे के दौरान 1997 से 2013 के बीच में भारत के 300 चक्कर लगाए थे. सीबीआई के जांच शुरू करते ही जेम्स दुबई चला गया था.
इससे पहले ईडी ने अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर रिश्वतखोरी घोटाले में भारतीय वायुसेना के पूर्व अध्यक्ष एस पी त्यागी, उनके दो चचेरे भाइयों, वकील गौतम खेतान, दो इतालवी बिचौलियों और फिनमेकेनिका के खिलाफ पूरक आरोप-पत्र दाखिल किया है. विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार की अदालत में आरोप-पत्र दाखिल किया गया, जिस पर न्यायाधीश 20 जुलाई को विचार करेंगे.

विशेष लोक अभियोजक एन के मट्टा के जरिए दाखिल किए गए आरोप-पत्र में एसपी त्यागी सहित त्यागी बंधुओं, खेतान, इतालवी बिचौलिये कार्लो गेरोसा एवं ग्विडो हैश्के और अगस्ता वेस्टलैंड की मूल कंपनी फिनमेकेनिका को नामजद आरोपी बनाया गया है. आरोप-पत्र में उन पर करीब 2.8 करोड़ यूरो के धनशोधन का आरोप है. जांच एजेंसी ने विदेशी कंपनियों सहित 34 भारतीय और विदेशी नागरिकों पर आरोपी बनाया है.
ईडी ने अपने आरोप-पत्र में कहा है कि कई विदेशी कंपनियों के जरिए धनशोधन किया गया, जिनका इस्तेमाल कथित कमीशन रखने के लिए मुखौटे (फ्रंट) के तौर पर किया गया. अदालत 3,600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलिकॉप्टर करार से जुड़े धनशोधन मामले की सुनवाई कर रही है.

एक जनवरी 2014 को भारत ने वायुसेना को 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए फिनमेकेनिका की ब्रिटिश सहयोगी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ हुए अनुबंध को रद्द कर दिया था. अनुबंध की शर्तों के कथित उल्लंघन और करार हासिल करने के लिए कमीशन के तौर पर 423 करोड़ रुपए के भुगतान के आरोपों पर सरकार ने अनुबंध रद्द कर दिया था.
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