टीम इंडिया का हेड कोच बनने के बाद पहली बार रवि शास्त्री ने टीम के कप्तान विराट कोहली से अलग भाषा बोलनी शुरू की है. हर कदम पर अपने कप्तान को ही टीम का बॉस करार दे चुके शास्त्री ने इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज 1-4 से हारने के बाद ऑस्ट्रेलिया के आगामी दौरे पर ज्यादा अभ्यास मैचों की मांग की है. गौरतलब है कि इंग्लैड सीरीज शुरू होने से पहले कप्तान कोहली ने अभ्यास मैचों को समय की बर्बादी करार दिया था. कोच ने कभी इस पर अपनी राय नहीं दी, लेकिन चुप्पी का मतलब था कि वह कप्तान से इत्तेफाक रखते थे.
ऐसा पहली बार लग रहा है कि क्रिकेट को लेकर फैसलों को लेकर कप्तान और कोच की राय अलग नजर आने लगी है. क्या कोच की इस बदली सोच को कप्तान के साथ क्रिकेटीय फैसलों पर मतभेद के रूप में देखा जाना चाहिए!
बीसीसीआई के ताजा रिकॉर्ड के मुताबिक, शास्त्री को तीन माह के लिए 2.05 करोड़ रुपए एडवांस सेलरी दी गई है. साल का क्या हिसाब बनता है, आंकड़ें साफ हैं. साउथ अफ्रीका में 1-2 और इंग्लैंड में 1-4 से सीरीज हारने के बाद कप्तान व टीम के सदस्यों के अपने करार से ज्यादा कोच पर अपने वेतन से साथ न्याय करने का दबाव अधिक है.
यह ऐसी स्थिति है जिसका शास्त्री पहली बार सामना कर रहे हैं, क्योंकि इससे पहले श्रीलंका और वेस्टइंडीज की टीम को पीटने के बाद शास्त्री की आवाज में अलग ही जोश सुनाई देता था. ऐसे में निकट भविष्य में कुछ फैसलों को लेकर कप्तान और कोच के बीच तालमेल की कमी या विवाद सामने आए तो किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए. शास्त्री ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर तीन या चार दिन के अभ्यास मैच चाहते हैं. इसके लिए कोच ने बीसीसीआई से आग्राह भी किया है. उम्मीद की जानी चाहिए कि कप्तान भी इस मांग में कोच के साथ होंगे.
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