मुंबई: महाराष्ट्र में विधानमंडल के बजट सत्र की सोमवार को हंगामेदार मी शुरुआत हुई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर राज्यपाल सी विद्यासागर राव के बयान का विरोध करते हुए विपक्ष ने उनके अभिभाषण का बहिष्कार किया। राज्यपाल राव ने हाल ही में नागपुर में आरएसएस को सबसे ज्यादा सेकुलर और सबको साथ लेकर चलने वाला संगठन बताया था। कहा था- संघ प्रत्येक व्यक्ति के अपनी धार्मिक मान्यता के अनुसार आराधना के अधिकार का सम्मान करता है। 

राज्यपाल की टिप्पणी के प्रति नाखुशी जताते हुए विपक्षी विधायक विधान भवन के सेंट्रल हॉल से निकल आए। बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल सेंट्रल हॉल में दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा, उन्होंने राव के अभिभाषण का इसलिए बहिष्कार किया, क्योंकि उन्हें भ्रम है कि भाषण राज्यपाल दे रहे हैं या कोई आरएसएस का समर्थक? राज्यपाल का पद एक संवैधानिक पद है। हमें लग रहा है कि राज्यपाल राज्य के हित में नहीं बल्कि आरएसएस के फायदे के लिए बोल रहे हैं। इसलिए विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया। 

विधानसभा में एनसीपी विधायक दल के नेता जयंत पाटिल ने कहा, राज्यपाल राव के आरएसएस समर्थक रुख को देखते हुए उनके अभिभाषण का बहिष्कार किया गया है। राव ने समाज को बांटने वालों का साथ दिया है। राज्यपाल का पद संवैधानिक पद है, इस लिहाज से राव ने अपेक्षा के विपरीत कार्य किया है। इसलिए हमने उनके भाषण का बहिष्कार किया। 
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