नई दिल्ली : बीजेपी ने लंबे इंतजार के बाद लोकसभा चुनाव 2019 के लिए अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है, जिसमें मौजूदा कई सांसदों के पत्ते कट गए हैं तो कुछ ऐसे नाम भी हैं, जो 2014 की तरह ही एक बार फिर मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का नाम भी शामिल है, जिन्होंने पिछली बार यूपी के अमेठी में राहुल गांधी के खिलाफ दावेदारी पेश की थी। इस बार यहां एक बार फिर राहुल और स्मृति के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा।
स्मृति ईरानी का अमेठी से यह दूसरा चुनावी दांव होगा। इससे पहले 2014 में भी वह यहां से बीजेपी की उम्मीदवार थीं, जिसे गांधी परिवार का गढ़ माना जाता रहा है। हालांकि वह चुनाव हार गई थीं, पर उन्होंने कांग्रेस नेता को कड़ी टक्कर दी थी। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2009 के चुनाव में राहुल गांधी ने जहां अमेठी संसदीय क्षेत्र से 3.70 लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी, वहीं 2014 के चुनाव में जीत का यह अंतर घटकर 1.07 लाख पहुंच गया था।
स्मृति ईरानी अमेठी से संसदीय चुनाव हारने के बाद भी क्षेत्र में लगातार बनी रहीं और कांग्रेस के खिलाफ हमलावर तेवर अपनाए रखा। पिछले करीब 5 साल में उन्होंने कई बार अमेठी का दौरा किया और कांग्रेस अध्यक्ष पर यहां के विकास पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया। बीजेपी नेता ने हाल ही में कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष पिछले पांच वर्षों में बस प्रधानमंत्री पर गलत आरोप लगाते रहे और उनके खिलाफ गलत भाषा का इस्तेमाल करते रहे।
यूपी के अमेठी संसदीय क्षेत्र को गांधी परिवार के गढ़ के तौर पर देखा जाता है। 1977-1980 और 1998-1999 के अलावा यहां से अक्सर कांग्रेस उम्मीदवार ही जीतते रहे हैं। देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी 1981 से 1991 में अपने निधन तक यहां से सांसद रहे। राहुल गांधी पहली बार 2004 में यहां से चुनाव लड़े थे, जबकि इससे पहले सोनिया गांधी यहां से पार्टी का प्रतिनिधित्व करती आ रही थीं। बाद में उन्होंने यूपी के रायबरेली का रुख किया और फिलहाल वहां से सांसद हैं।
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