नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व धाकड़ बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली अरुण जेटली के निधन के बाद अपने करियर के बारे में एक बड़ा खुलासा किया है। सहवाग ने उनके निधन के बाद दिल्ली की क्रिकेट के लिए अरुण जेटली द्वारा किए योगदान को याद करते हुए कहा कि अगर वो नहीं होते तो मैं और मेरे अलावा दिल्ली के कई और खिलाड़ी भारत के लिए कभी नहीं खेल पाते।
सहवाग ने जेटली के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया, 'अरुण जेटली जीत के निधन से काफी दुखी हूं। सार्वजनिक जीवन में काफी सेवा करने के अलावा उन्होंने दिल्ली के कई खिलाड़ियों के जीवन में बड़ी भूमिका निभायी और उन्हें भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका प्रदान कराया। ऐसा भी समय था जब दिल्ली के इतने खिलाड़ियों को उच्च स्तर पर खेलने का मौका नहीं मिलता था।'
सहवाग ने आगे कहा, 'डीडीसीए में उनके नेतृत्व में मेरे अलावा कई खिलाड़ियों को भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। वह खिलाड़ियों की जरूरतों को समझते थे और उनकी समस्याओं का निदान करते थे। मेरे व्यक्तिगत रूप से उनके साथ काफी अच्छा रिश्ता था। मेरी संवेदनायें और प्रार्थना उनके परिवार और प्रियजनों के साथ। ओम शांति'
अरुण जेटली ने लंबे समय तक बतौर प्रशासक डीडीसीए के अध्यक्ष रहे। उन्होंने साल 1999 से 2013 तक डीडीसीए के अध्यक्ष का पद संभाला और दिल्ली क्रिकेट की रूपरेखा बदलने में सफल रहे। उनके अध्यक्ष रहते वीरेंद्र सहवाग, आकाश चोपड़ा, गौतम गंभीर, इशांत शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली जैसे दिग्गज खिलाड़ी निकले जिन्होंने दिल्ली का नाम देश और दुनिया में रोशन किया।
हालांकि जेटली पर डीडीसीए का अध्यक्ष रहते कीर्ति आजाद और आम आदमी पार्टी ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद कीर्ति आजाद को भाजपा से निलंबित कर दिया था। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने जेटली द्वारा मान हानि का मुकदमा दायर किए जाने के बाद उनसे माफी मांग ली थी।
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