भोपाल : मध्य प्रदेश में जारी सियासी घमासान के बीच सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है, जिसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने 10 मार्च को इस्तीफा देने वाले सभी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं, जिसके बाद संख्या बल बीजेपी के पक्ष में जाता दिख रहा है।
सभी विधायकों के इस्तीफे मंजूर
विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कांग्रेस के 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं। 10 मार्च को मध्य प्रदेश कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफे दे दिए थे, जिनमें से 6 के इस्तीफे मंजूर कर लिए गए थे, लेकिन 16 अन्य के इस्तीफों पर फैसला नहीं लिया गया था। विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के इन विधायकों के इस्तीफे आज मंजूर कर लिए, जिसके बाद सीएम कमलनाथ की सरकार अल्पमत में आ गई है।
बीजेपी के पक्ष में संख्या बल
मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में अब कुल सदस्य संख्या घटकर 206 रह गई है। इनमें कांग्रेस की सदस्य संख्या 114 से घटकर 92 हो गई है, जबकि बीजेपी के पास 107 का संख्या बल है। मौजूदा हालात में किसी भी पार्टी को बहुमत हासिल करने के लिए 104 सदस्यों की आवश्यकता होगी और बीजेपी इस खेल में बाजी मारती नजर आ रही है, जिससे कमलनाथ सरकार का गिरना लगभग तय माना जा रहा है।
क्या बोले विधानसभा अध्यक्ष?
राज्य में जारी सियासी घमासान के बीच सुप्रीम कोर्ट ने विधनसभा अध्यक्ष ने शुक्रवार को ही शक्ति परीक्षण कराए जाने को कहा है। साथ ही यह भी कहा कि इससे संबंधित प्रक्रिया शाम 5 बजे तक पूरी कर ली जानी चाहिए। फ्लोर टेस्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा कि विधायिका न्यायपालिका के आदेश का पालन कर रही है, दोनों संस्थाएं संवैधानिक हैं।
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