नई दिल्ली। कोरोना वायरस के तेजी से फैलते संक्रमण और इससे तेजी से हुई मौतों की वजह से पूरा विश्व सकते में है. कोरोना वायरस के खात्मे को लेकर कई तरह की बातें सामने आ रही हैं. इनमें से एक यह भी है जिसके अनुसार गर्मियों में चिलचिलाती धूप भारत में कोरोनोवायरस संक्रमण के प्रसार पर लगाम लगा सकती है. हिन्दुस्तान ई पेपर ने देश के दो जाने-माने माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट के हवाले से यह खबर छापी है. इन माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट ने अमेरिका के मैरीलैंड स्थित दुनिया की सबसे बड़ी बायोमेडिकल रिसर्च एजेंसी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के साथ काम किया है.

अप्रैल के अंत तक कम हो सकता है कोरोना का प्रसार:
एनआईएच और 'प्रोजेक्ट एंथ्रेक्स' पर अमेरिकी सेना के लैब के साथ काम कर चुके भारतीय माइक्रोबायोलॉजिस्ट प्रोफेसर वाई. सिंह ने बताया कि अप्रैल के अंत तक 40 डिग्री से अधिक का अपेक्षित तापमान कोरोवायरस के प्रभाव को कम कर सकता है.

तापमान अधिक होने पर किसी भी सतह पर वायरस के जीवित रहने की अवधि कम होगी. उन्होंने कहा कि मै स्पष्ट कर दूं कि अगर एक व्यक्ति का शरीर संक्रमित है, तो फिर बाहर के तापमान का संक्रमित व्यक्ति पर कोई प्रभाव नहीं होगा.

तापमान का पड़ता है वायरस पर प्रभाव:
वहीं, प्रख्यात वायरोलॉजिस्ट डॉ. अखिल चंद्र बनर्जी का कहना है कि अगर तापमान 39 से 40 डिग्री के आसपास है, तो यह वायरस को निष्क्रिय करने में मदद करता है.
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