नई दिल्ली I चीन के साथ फिर से बने तनावपूर्ण माहौल के बीच भारत ने अमेरिका से कहा कि वह पड़ोसी देश के साथ बने गतिरोध को खत्म करने के लिए धैर्यपूर्वक द्विपक्षीय प्रस्ताव का इंतजार करेगा. साथ ही हम मसले को सुलझा लेंगे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी समकक्ष मार्क टी एस्पर को भरोसा दिलाया कि भारत को स्थापित द्विपक्षीय तंत्र के माध्यम से लद्दाख में चीन के साथ चल रहे झगड़े को समाप्त करने के लिए एक प्रस्ताव की उम्मीद है.

बातचीत के जरिए निकलेगा हल

सूत्रों का कहना है कि दोनों के बीच शुक्रवार को हुई टेलीफोनिक बातचीत के दौरान इस मामले पर संक्षिप्त चर्चा हुई. एक सूत्र ने बताया कि रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि बातचीत के लिए द्विपक्षीय तंत्र का ही इस्तेमाल किया जाएगा.

सूत्र ने यह भी बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि कभी-कभी इसमें समय लगता है लेकिन भारत धैर्य रखेगा और बातचीत के जरिए ही समस्या का हल निकाला जाएगा.

5 मई को पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील पर दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच झड़प में कई सैनिक घायल हो गए थे. इसके बाद भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए दोनों सेनाओं द्वारा यहां पर सैन्य टुकड़ी भेजी गई है.

चीन के साथ विवाद पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक दिन पहले ही कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है, लेकिन वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लद्दाख में घटे घटनाक्रमों को लेकर 'अच्छे मूड में नहीं' हैं.

हालांकि सरकारी सूत्रों ने ट्रंप के इस दावे से इनकार किया है क्योंकि दोनों शीर्ष नेताओं ने 4 अप्रैल को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन मुद्दे पर अंतिम बातचीत की थी. राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले दिनों भारत और चीन के बीच मध्यस्थता की पेशकश भी की थी.

रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक बयान में भारतीय रक्षा मंत्री और अमेरिकी समकक्ष के बीच चीन के बारे में हुई बातचीत को लेकर कुछ भी नहीं कहा गया है. दोनों मंत्रियों ने साझा सुरक्षा हित के क्षेत्रीय विकास पर विचारों का आदान-प्रदान किया.

रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि दोनों ने COVID-19 महामारी से लड़ने के संबंधित अनुभव पर एक-दूसरे को जानकारी दी और इस संबंध में उत्कृष्ट द्विपक्षीय सहयोग जारी रखने की बात भी कही.

बयान में कहा गया कि उन्होंने विभिन्न द्विपक्षीय रक्षा सहयोग व्यवस्था पर प्रगति की समीक्षा की, साथ ही हमारी रक्षा साझेदारी को और बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी मंत्री को भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे एस्पर ने खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया
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