नई दिल्ली: भारत पर हुए टिड्डी दल के हमले के आगे सब सरकारें बेबस हैं और किसान परेशान हैं. टिड्डी दुनिया की वो समस्या है जिसका दशकों बाद भी कोई समाधान नहीं निकल पाया है. उसे दुनिया का सबसे विनाशकारी कीट माना जाता है. इसीलिए अब ये आशंका है टिड्डियों के इस हमले से भुखमरी पैदा हो सकती है, जिससे करोड़ों लोग प्रभावित होंगे.

कहां से आया टिड्डी दल ?
अफ्रीका से होते हुए अरब के रास्ते पाकिस्तान से भारत के राजस्थान में टिड्डियों का झुंड दाखिल हुआ. जो फिर पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश तक पहुंच रहा है.

टिड्डी से नुकसान का गणित
* 1 टिड्डी अपने वजन जितना खाती है
* 1 टिड्डी का वजन 2 ग्राम
* 1 टिड्डी कम से कम 2 ग्राम खाती है
* अगर 90 लाख टिड्डी ने हमला किया,
* तो 9000 किलो वजन का अन्न खा जाएंगी
* 4 करोड़ टिड्डी- 35000 लोगों खाना 24 घंटे में खाती है

टिड्डियों ने देश के सात राज्यों में मचाया आतंक
भारत में टिड्डी दल का हमला एक मई को राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, फलोदी, नागौर, गंगानगर में दिखा. राजस्थान के 18 जिले टिड्डी दल के हमले से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. अभी टिड्डी दल देश के सात राज्य
राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय हैं.

टिड्डियों पर DGCA की गाइडलाइन
टिड्डी दल के हमले को लेकर DGCA ने अलर्ट जारी किया है. ये अलर्ट पायलट, ग्राउंड स्टाफ और इंजीनियरिंग विभाग को निर्देश दिया गया है. सर्कुलर में बताया गया है कि टिड्डी दल दिखाई दे तो उनके बीच से विमान को ना ले जाएं. इससे बचाव के लिए जरूरी कार्रवाई करें. हालांकि टिड्डी दलों को रोकना कृषि मंत्रालय का काम है लेकिन सिविल एविएशन की उड़ानों में इससे काफी दिक्कतें आती हैं. टिड्डी दलों के कारण एयर क्राफ्ट में पायलट की व्यू स्क्रीन में बाधा आती है. व्यू स्क्रीन गंदी या धुंधली हो सकती है. टेक ऑफ और लैंडिंग के वक्त सबसे अधिक दिक्कत हो सकती है.

टिड्डी दल के बढ़ते खतरे को देखते हुए कई राज्यों की सरकारों ने अलर्ट जारी किया है. यूपी के कृषि विभाग ने अधिकारियों को जगह की पहचान कर रात में केमिकल का छिड़काव करने को कहा है. हरियाणा सरकार व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर किसानों को जानकारी दे रही है. पंजाब में हर जिला मुख्यालयों पर टिड्डी भागने वाले स्प्रे का इंतजाम किया गया है. हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा, ऊना, बिलासपुर और सोलन जिले फील्ड ऑफिसर्स को तैयार रहने को कहा गया है.
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