नयी दिल्ली: देश भर में मंगलवार मध्य रात्रि से 21 दिनों के ‘लॉकडाउन’ की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद भारतीय रेल ने कहा कि उसकी सभी यात्री सेवाएं अब 14 अप्रैल तक बंद रहेंगी। हालांकि,देश भर में आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाने के लिये माल ढुलाई जारी रहेगी।

रेलवे ने रविवार को घोषणा की थी कि 22 मार्च से 31 मार्च तक इसकी सभी यात्री सेवाएं बंद रहेंगी और सिर्फ मालगाड़ियां ही इस दौरान चलेंगी। इस निलंबन में सभी उपनगरीय ट्रेन सेवाएं भी शामिल हैं।

इस बीच, भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) ने लोगों से कहा है कि वे ट्रेनों की ऑनलाइन बुक की गई टिकटों को रद्द न करें और उन्हें खुद ही पूरा पैसा मिल जायेगा।

भारतीय रेलवे ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमण की वजह से सभी यात्री सेवाओं को निलंबित करने के लिये बाध्य होने के बावजूद वह देश में आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कर रहा है।

रेलवे ने बताया कि 23 मार्च को अनाज, नमक, खाद्य तेल, चीनी, दूध, फल और सब्जियां, प्याज, कोयला और पेट्रोलियम उत्पादों के 474 रैक तैयार किये गए। रेलवे बोर्ड ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में योगदान के लिए अपनी सभी निर्माण इकाइयों को निर्देश जारी कर अस्पताल के सामान्य बेड, मेडिकल ट्रॉली और पृथक सुविधाएं तथा आईवी स्टैंड जैसी चीजों के निर्माण की संभावना का पता लगाने को कहा है।

इससे पहले 31 मार्च तक सभी यात्री ट्रेनों को रद्द किया गया था
पहले कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए भारतीय रेलवे ने 31 मार्च तक सभी यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया था।  रेलवे ने बताया था कि 22 मार्च की आधी रात से 31 मार्च की आधी रात तक केवल मालगाड़ियां चलेंगी। न्यूनतम उपनगरीय रेल सेवाएं, कोलकाता मेट्रो 22 मार्च की आधी रात तक ही चलेंगी, इसके बाद सेवाएं 31 मार्च की आधी रात तक बंद रहेंगी। 

इससे पहले गैरजरूरी यात्रा टालने के लिए रेलवे ने पहले ही 245 यात्री ट्रेनें रद्द कर दी थीं। मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में कैटरिंग सर्विस को पहले ही बंद कर दिया गया है।
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