नई दिल्ली I कोरोना वायरस का प्रकोप दुनियाभर के शेयर बाजारों पर कहर बनकर टूट पड़ा है. खासकर भारतीय शेयर बाजार के लिए तो यह कहर साबित हुआ है. पिछले करीब दो महीने में ही भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों के 58 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं. मुकेश अंबानी, गौतम अडानी जैसे दिग्गज कारोबारियों को भी भारी नुकसान हुआ है.

जनवरी में रिकॉर्ड पर पहुंचे थे सेंसेक्स—​निफ्टी
गौरतलब है कि इस साल 20 जनवरी को बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) सेंसेक्स और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) निफ्टी ​रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए थे. उस दिन बीएसई का बाजार पूंजीकरण 160.57 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया था.

इस सोमवार यानी 23 मार्च को सेंसेक्स बीएसई का बाजार पूंजीकरण महज 101.86 लाख करोड़ रुपये रह गया है. यानी इस दौरान निवेशकों को करीब 58 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

क्यों आई गिरावट
कोरोना की वजह से पिछले दो महीने में शेयर बाजार में भारी गिरावट का दौर रहा है और सेंटिमेंट पूरी तरह से खराब है. मार्च महीने में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII ) ने भारतीय शेयर बाजार से रिकॉर्ड 54,232 करोड़ रुपये बाहर निकाल लिए है.

गौरतलब है कि देश और दुनिया में कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. सोमवार को ही सरकार ने देश के कई इलाकों में लॉकडान की शुरुआत कर दी थी. इसकी वजह से निवेशकों के सेंटिमेंट को तगड़ी चोट पहुंची. कई कंपनियों को अपना उत्पादन 31 मार्च तक बंद करना पड़ा है.

सोमवार को एक दिन में सेंसेक्स में सबसे ज्यादा करीब 4 हजार अंक की गिरावट का रिकॉर्ड बना और सेंसेक्स 25,981 पर बंद हुआ. हालांकि मंगलवार को इसमें थोड़ा सुधार आया और यह कारोबार के अंत में सेंसेक्स 692 अंक मजबूत होकर 26,675 अंक के स्तर पर बंद हुआ.

अब क्या होगा आगे
मंगलवार का ही आंकड़ा लें तो भी 20 जनवरी के मुकाबले निवेशकों को करीब 57 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. भारतीय शेयर बाजार में भारी उतार—चढ़ाव की आशंका बनी हुई है, हालांकि अब देश में 21 दिनों के लॉकडान की घोषणा से शेयर बाजार में कारोबार बंद होने के भी आसार हैं.

दो महीने में 16 हजार अंक से ज्यादा गिरा सेंसेक्स
20 जनवरी को जब बाजार अपने रिकॉर्ड ऊंचाई पर थे तब कई विश्लेषक यह अनुमान जाहिर कर रहे थे कि इस साल की दूसरी छमाही में सेंसेक्स 45 हजार के पार जा सकता है. 20 जनवरी को सेंसेक्स 42,273 और 12,430 पर पहुंच गया था जो इन दोनों की ऊंचाई का रिकॉर्ड स्तर है. इसके बाद से सेंसेक्स में 16,292 अंकों और में 4,820 अंकों की गिरावट आ चुकी है.

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महज 44 सत्रों में ही बेंचमार्क इंडेक्स में 37% की गिरावट आ चुकी है, बाजार में जिस रफ्तार से गिरावट हो रही है, वैसा पहले कभी नहीं देखा गया. साल 2008 में बेंचमार्क इंडेक्स 200 सत्रों में 66% गिरा था, जबकि साल 2011 में 275 सत्रों में 28% की गिरावट देखी गई थी.

अम्बानी, अडानी को भी भारी नुकसान
शेयर बाजार में बिकवाली की आंधी से कोई नहीं बच पाया है. छोटे निवेशकों से लेकर अरबपतियों तक को चूना लगा है. ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक, इस साल की शुरुआत से अब तक देश के 14 शीर्ष अरबपतियों को लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. सिर्फ शीर्ष दो अरबपतियों को ही 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगा है.

जनवरी से अब तक मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 23.8 अरब डॉलर यानी करीब 1.81 लाख करोड़ रुपये घट गई है. तेल की मांग पर कोरोना वायरस प्रकोप के असर को लेकर रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 41% की गिरावट आई है. वहीं अडानी समूह के गौतम अडानी के बाजार पूंजीकरण में 5.14 अरब डॉलर (-45.6%) यानी करीब 39,151 करोड़ रुपये की कमी आई है.

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