नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गुट-निरपेक्ष आंदोलन (नैम) के सदस्य देशों के नेताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते खतरे को लेकर चिंता जताई। पीएम मोदी ने कहा कि आज मानवता के समक्ष बड़ा संकट है और गुट-निरपेक्ष देश कोविड-19 से निपटने में योगदान दे सकते हैं।
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सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मानवता दशकों के सबसे गंभीर संकट से गुजर रही है। ऐसे वक्त में गुट निरपेक्ष आंदोलन दुनिया को एकसाथ आने को बढ़ावा दे सकता है। गुट निरपेक्ष आंदोलन दुनिया की सबसे नैतिक आवाज रही है। इस भमिका को बनाए रखने के लिए गुट निरपेक्ष आंदोलन को समावेशी होना होगा। ऐसे वक्त में जब पूरी दुनिया कोरोना से लड़ रही है, कुछ लोग समाज को बांटने के लिए आतंकवाद, फेक न्यूज और छेड़छाड़ किए गए वीडियो जैसे घातक वायरस फैला रहे हैं।'
123 देशों को कर चुका है भारत मदद
कोरोना संकट का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'इस संकट के दौरान हमने दिखाया है कि एक वास्तविक जन आंदोलन बनाने के लिए लोकतंत्र, अनुशासन और निर्णायकता कैसे एक साथ कैसे आ सकते हैं। भारतीय सभ्यता पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में देखती है। जहां हम अपने नागरिकों की मदद कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ हम दूसरे देशों की मदद भी कर रहे हैं। अपनी जरूरतों के बावजूद, हमने अपने 123 साझेदार देशों को चिकित्सा आपूर्ति सुनिश्चित की है, जिसमें गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) के 59 सदस्य भी शामिल हैं। हम उपचार और टीके विकसित करने के वैश्विक प्रयासों में जुटे हुए हैं।'
पीएम मोदी ने कहा कि भारत को ‘दुनिया की फार्मेसी’ माना जाता है और हमने कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर 120 से अधिक देशों को दवाएं भेजी हैं।  प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए हमने अपने आस-पड़ोस में समन्वय को बढ़ावा दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कोविड-19 के बाद वैश्विकरण के नए ढांचे की आवश्यकता होगी।

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