नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच मंगलवार शाम फोन पर लंबी बातचीत हुई. दोनों नेताओं ने भारत-चीन सीमा तनाव से लेकर कोरोना संकट और विश्व स्वास्थ्य संगठन के सुधारों पर बात की. वहीं जी-7 के मौजूदा प्रमुख राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी को अगली बैठक का न्यौता भी दिया और इस समूह के सुधारों पर चर्चा भी की.

फोन वार्ता के बाद खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, "मेरे मित्र राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उत्साहजनक और सार्थक बातचीत हुई. इस दौरान जी-7 की मौजूदा अमेरिकी अध्यक्षता, कोरोना संकट समेत अनेक मुद्दों पर चर्चा की गई." इतना ही नहीं पीएम ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध कोविड-पश्चात दुनिया के वैश्विक ढांचे का एक मजबूत स्तंभ हैं. दोनों नेताओं के बीच करीब 25 मिनट फोन संवाद के बाद विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, "पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच भारत-चीन सीमा तनाव पर विचार विमर्श किया गया."

आपको बता दें बीते दिनों भारत और चीन के बीच लद्दाख में एक महीने से जारी सीमा तनाव पर राष्ट्रपति ट्रंप मध्यस्थता की पेशकश कर चुके हैं. हालांकि भारत और चीन दोनों ही देशों की तरफ से आए बयानों में कहा गया कि इस मामले को आपसी संवाद और कूटनीतिक तरीकों से सुलझाने के तंत्र मौजूद हैं और उनके जरिए कोशिशें भी जारी हैं. बीते दो महीनों के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी के बीच दूसरी फोन वार्ता में एक प्रमुख मुद्दा जी-7 की आगामी बैठक भी है.

अमेरिका की मेजबानी में होने वाली इस बैठक से पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने समूह का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव सुझाया है. अमेरिकी राष्ट्रपति इसमें भारत समेत अन्य कुछ देशों को शामिल करना चाहते हैं. विदेश मंत्रालय के मुताबिक बातचीत के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए अमेरिका आने का न्यौता दिया. राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी को बताया कि उनकी मंशा जी-7 के विस्तार की है और उसमें भारत समेत अन्य महत्वपूर्ण देशों को भी शामिल करना चाहते हैं.

पीएम मोदी ने जी-7 को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप के रचनात्मक विचारों का स्वागत करते हुए कहा कि इस तरह का विस्तार कोविड-19 से बदली दुनिया की वास्तविकताओं के अनुरूप होगा. इतना ही नहीं पीएम ने राष्ट्रपति ट्रंप को जी-7 सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए भारतीय सहयोग का भरोसा भी दिया. भारत फिलहाल जी-7 समूह का सदस्य नहीं है. इसमें अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, कनाडा, जर्मनी, जापान शामिल हैं. इस समूह में जब रूस भी शरीक था तो इसे जी-8 कहा जाता था. राष्ट्रपति ट्रंप एक बार फिर रूस को भी शामिल करने की बात कर रहे हैं. प्रधान मंत्री मोदी ने अमेरिका में चल रहे नागरिक प्रदर्शनों के बारे में चिंता जताई और स्थिति के शीघ्र समाधान के लिए अपनी उम्मीद जाहिर की.

अमेरिका में बीते दिनों एक अश्वेत नागरिक की पुलिस कार्रवाई में हुई मौत के बाद से उग्र प्रदर्शनों का दौर चल रहा है. जिसके कारण 40 से अधिक शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है. अमेरिका की स्थिति की चिंता भारत को इसलिए भी है क्योंकि वहां 24 लाख से अधिक भारतीय मूल के लोग रहते हैं. फोन वार्ता के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने कोविड-19 संकट के मौजूदा हालात और विश्व स्वास्थ्य संगठन में सुधार की जरूरतों पर भी बात की. विश्व स्वास्थ्य संगठन पर कोरोना संकट के शुरुआती प्रबंधन में लापरवाही और चीन के इशारों पर काम करने जैसे गंभीर आरोप अमेरिका लगा चुका है.

इतना ही नहीं बीते दिनों राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिका के विश्व स्वास्थ्य संगठन से संबंध तोड़ने की भी घोषणा कर चुके हैं. विदेश मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रपति ट्रम्प ने पीएम मोदी से चर्चा के दौरान फरवरी 2020 में अपनी भारत यात्रा को भी गर्मजोशी से याद किया. प्रधान मंत्री मोदी ने भी कहा कि यह दौरा कई लिहाज से यादगार और ऐतिहासिक रहा है. इसने द्विपक्षीय संबंधों में नई गतिशीलता भी जोड़ी है. राष्ट्रपति ट्रंप अपनी पत्नी मेलेनिया ट्रंप, बेटी इवांका और दामाद जेरार्ड कुशनर के साथ 24-25 फरवरी को भारत आए थे. उसके बाद साढ़े तीन महीने से राष्ट्रपति ट्रंप का कोई विदेश दौरा नहीं हुआ है.
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