पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अंबाड तहसील में धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सराथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े.



महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण आंदोलन शुक्रवार को हिंसक हो गया, जिसमें 38 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गये. वहीं अब सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में जालना के गोंदी थाने में 300 से 350 अज्ञात लोगों सहित 16 आरोपियों पर धारा 307, 333 के तहत मामला दर्ज किया गया है. 16 आरोपियों की पहचान हो चुकी है.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अंबाड तहसील में धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सराथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. ग्रामीणों ने दावा किया कि पुलिस ने हवा में गोलीबारी की, लेकिन अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की. मनोज जारांगे के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार से गांव में भूख हड़ताल कर रहे थे.

सीएम शिंदे ने की शांति की अपील
राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदान किये गये आरक्षण को उच्चतम न्यायालय ने रद्द कर दिया था.
वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शांति की अपील की और घोषणा की कि हिंसा की उच्च स्तरीय जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी.

'पुलिस को लाठीचार्ज के लिए होना पड़ा मजबूर'
उधर, उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि पथराव के कारण पुलिस को लाठीचार्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा. पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को आंदोलन हिंसक हो गया और कुछ लोगों ने राज्य परिवहन की बसों और निजी वाहनों को निशाना बनाया.

फडणवीस ने घायल पुलिसकर्मियों की संख्या 12 बताई, जबकि जालना जिले के पुलिस अधीक्षक तुषार दोशी ने देर रात बताया कि पथराव में 32 पुलिसकर्मी और छह अधिकारी घायल हुए हैं.उन्होंने बताया कि जिन लोगों को गंभीर चोटें आईं, उनका जालना नगर अस्पताल में इलाज किया जा रहा है.

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