भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारांगे ने कहा कि उन्होंने विरोध वापस नहीं लिया है लेकिन वह राज्य सरकार को अध्यादेश पारित करने के लिए चार दिन का समय दे रहे हैं.
मनोज जारांगे ने कहा कि हम आंदोलन वापस नहीं ले रहे हैं, लेकिन हम राज्य सरकार को फैसला लेने के लिए चार दिन का समय दे रहे हैं. यह घोषणा की गई कि राज्य सरकार को अध्यादेश पारित करने के लिए चार दिन का समय दिया जाएगा. इस चर्चा के दौरान बोलते हुए, मनोज जारांगे ने राज्य मंत्री गिरीश महाजन से पूछा कि मराठवाड़ा के मराठों ने क्या बुरे काम किए थे.
मनोज जारांगे ने पूछा ये सवाल
राज्य सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए अंतरवाली सराती गांव पहुंचा है. इस मौके पर राज्य के मंत्री गिरीश महाजन और अर्जुन खोतकर और अन्य नेता ने मनोज जारांगे से मुलाकात कर चर्चा की. उन्होंने इस समय राज्य सरकार की भूमिका के बारे में भी बताया. इस समय अनशन स्थल पर भारी भीड़ देखी जा रही है. जारांगे की हालत को देखते हुए उन्हें अपना अनशन तोड़ देना चाहिए. सरकार आरक्षण को लेकर सकारात्मक है और महाजन की ओर से एक महीने की मांग की गई थी. हमें आरक्षण चाहिए, मराठवाड़ा के मराठों ने क्या किया? इसी वक्त मनोज जारांगे ने महाजन से ये सवाल पूछा.
नारे लगा रहे लोगों को रोका
जब गिरीश महाजन चर्चा कर रहे थे तभी कुछ कार्यकर्ताओं ने अचानक नारेबाजी शुरू कर दी. लेकिन इस बार मनोज जारंगेनी ने कार्यकर्ताओं को रोक दिया. उन्होंने कहा, हमारी तो पूरी जिंदगी नारेबाजी में ही गुजर गई. इसलिए अब हम आरक्षण चाहते हैं. सिर्फ नारे लगाकर क्या करोगे? उन्होंने यह कहते हुए नारेबाजी रोक दी कि सराकर का प्रतिनिधिमंडल आया है और उनसे चर्चा करेगा.
मनोज जारांगे की मुख्य मांगें
सरकार को स्पष्टीकरण पत्र जारी करना चाहिए. इसमें "मराठा कुनबी या कुनबी मराठा" जाति को महाराष्ट्र राज्य की अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में क्रमांक 83 के अंतर्गत कुनबी जाति के अंतर्गत शामिल किया गया है. सरकार के संज्ञान में आया है कि उक्त मराठा कुनबी या कुनबी मराठी जाति एक मराठा जाति है. मराठवाड़ा (औरंगाबाद) में मराठा जाति में उल्लिखित व्यक्तियों को "कुनबी" जाति प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिए, राजस्व विभाग, मनोज जारांगे ने एक प्रमुख मांग की है. बताया जा रहा है कि यह मांग भी मान ली गई है. लेकिन मनोज जारांगे की मांग है कि सिर्फ सर्टिफिकेट ही नहीं बल्कि इसके साथ आरक्षण भी दिया जाए.
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