मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जारांगे पाटिल भूख हड़ताल पर बैठे हैं. इस बीच कांग्रेस ने सवाल किया कि मराठवाड़ा में कुनबी प्रमाणपत्र दिया जाएगा, लेकिन शेष महाराष्ट्र का क्या होगा?



 मराठा आरक्षण को लेकर इस वक्त कई तरह की मांगें की जा रही हैं. दूसरी ओर जारांगे पाटिल भूख हड़ताल पर अड़े हुए हैं. लेकिन ये मामला अब केंद्र सरकार से जुड़ा है. मराठा आरक्षण उप-समिति के पूर्व अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा कि केंद्र द्वारा संवैधानिक संशोधन के बिना मराठा आरक्षण हासिल नहीं किया जा सकता है. ओबीसी आरक्षण को धक्का न देकर आरक्षण दिया जाना चाहिए. लेकिन मराठों को इस तरह का आरक्षण देते समय यह गणना 50 फीसदी चल रही है.

अशोक चव्हाण ने कहा कि पवार ने यह भी कहा कि चूंकि आरक्षण 50 फीसदी हो रहा है, इसलिए संविधान में संशोधन के अलावा कोई विकल्प नहीं है. अशोक चव्हाण ने कहा कि जिस तरह से ईडब्ल्यू को 10 फीसदी आरक्षण दिया गया, उसी तरह ओबीसी को भी आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए.

क्या बोले अशोक चव्हाण?
अशोक चव्हाण ने कहा, मराठवाड़ा में कुनबी प्रमाणपत्र दिया जाएगा, लेकिन शेष महाराष्ट्र का क्या होगा? यह विषय कानूनी भी है. राज्य सरकार ने मराठवाड़ा में मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र देने की तैयारी शुरू कर दी है. मराठवाड़ा में कुनबियों के रूप में पुराने अभिलेख मौजूद हैं. लेकिन शेष महाराष्ट्र का क्या? यह सवाल पूर्व मंत्री अशोक चव्हाण ने उठाया है. इसके अलावा यह विषय कानूनी पचड़े में भी पड़ने की संभावना है. अशोक चव्हाण ने कहा कि इसे दोबारा कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है. 

क्या बोले नाना पटोले?
अशोक चव्हाण ने कहा, जातिवार जनगणना कांग्रेस की सार्वजनिक मांग है. अगर मराठों को आरक्षण देना है तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने जातिवार जनगणना की मांग की है. उनकी इस मांग का पूर्व मंत्री अशोक चव्हाण ने समर्थन किया है. कांग्रेस ने जातिवार जनगणना की सार्वजनिक मांग की है.

अशोक चव्हाण ने कहा कि देश के सामने हालात आएंगे. आरक्षण और सूखा दोनों ही मुद्दे बेहद गंभीर हैं. सरकार को विशेष सत्र बुलाकर इन मुद्दों को गंभीरता से लेना चाहिए. सम्मेलन दिसंबर में है. अशोक चव्हाण ने मांग की कि अगर सम्मेलन बुलाया जाए और उससे पहले ही कोई फैसला ले लिया जाए तो ये सही होगा. 

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