मराठी भाषी महिला को परिसर किराये पर देने से इनकार के बाद, पुलिस ने 80 वर्षीय बुजुर्ग और उनके बेटे के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इस मामले में मंत्री अदिति तटकरे ने भी बयान दिया है.
महाराष्ट्र की महिला और बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने शनिवार (30 सितंबर) को कहा कि राज्य सरकार परिसर को किराये पर देने के लिए कई नियम बनाएगी. मंत्री का बयान 35 वर्षीय एक महिला द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद आया है. महिला ने शिकायत में एक व्यक्ति और उसके बेटे पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने एक इमारत के परिसर को उसे किराए पर देने से इसलिए इनकार कर दिया कि वह मराठी भाषी है.
पुलिस के अनुसार, मुंबई के पूर्वी उपनगर मुलुंड में शिव सदन भवन में एक महिला को कार्यालय के लिए जगह देने से कथित तौर पर इनकार करने पर 80 वर्षीय एक व्यक्ति और उसके बेटे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने कहा कि दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 341 (गलत तरीके से रोकना), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया गया. दोनों को अदालत में पेश किया गया और बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.
'आरोपियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई'
बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने शनिवार (30 सितंबर) को शिकायतकर्ता महिला से उसके आवास पर मुलाकात की और उन्हें इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि मराठी भाषी होने के कारण किसी को परिसर देने से इनकार करना दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है.
क्या है पूरा मामला?
मीडिया में छपी खबर के मुताबिक, इस मामले में 35 वर्षीय तृप्ति देवरुखकर नाम की एक महिला ने आरोप लगाया था कि वह एक इमारत के परिसर को किराये पर लेने के लिए गई थी. जहां इमारत के परिसर को मालिक और उसके बेटे ने उसे किराये पर देने से सिर्फ इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि वह मराठी भाषी है. सूचना मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी 80 वर्षीय बुजुर्ग और उसके बेटे के खिलाफ मामला कर लिया है. इस मामले में प्रदेश में सियासत तेज हो गई है. बीते शनिवार को महाराष्ट्र की महिला और बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे पीड़ित महिला से मिल कर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया.
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