महाराष्ट्र विधान परिषद की 11 सीट के लिए शुक्रवार को हुए द्विवार्षिक चुनाव में मतदान के दौरान कांग्रेस के कम से कम सात विधायकों ने पार्टी के निर्देशों की अवहेलना की. पार्टी सूत्रों ने बताया कि 37 विधायकों वाली कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार प्रज्ञा सातव के लिए 30 प्रथम वरीयता के वोटों का कोटा तय किया था और शेष सात वोट सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार मिलिंद नार्वेकर को मिलने थे.

विपक्षी गठबंधन के विधायकों ने की क्रॉस वोटिंग

लेकिन, सातव को 25 और नार्वेकर को 22 प्रथम वरीयता के वोट मिले, जिसका मतलब है कि कम से कम सात कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. बीजेपी, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने लड़ी गई सभी नौ सीटों पर जीत हासिल की, जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) द्वारा समर्थित पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) के जयंत पाटिल हार गए.

क्या बोले डिप्टी सीएम अजित पवार?

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि उन्होंने, फडणवीस और शिंदे ने बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने और जिम्मेदारियां साझा करने के लिए कई बैठकें कीं, जिससे महायुति उम्मीदवारों की जीत हुई. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में गठबंधन की जीत सुनिश्चित करने के लिए महायुति एकजुट होकर काम करेगी. चुनाव इसलिए हुआ क्योंकि विधान परिषद के 11 सदस्यों का छह साल का कार्यकाल 27 जुलाई को पूरा हो रहा है.

महाराष्ट्र एमएलसी चुनाव में विपक्षी गठबंधन के विधायकों की क्रॉस वोटिंग का फायदा NDA गठबंधन को मिला. चुनाव से पहले ओवर कॉन्फिडेंस महाविकास अघाड़ी को भारी पड़ गया. महाराष्ट्र में NDA को लोकसभा चुनाव में काफी नुकसान हुआ था. लेकिन एमएलसी चुनाव में NDA ने MVA को झटका दिया. अब आगामी विधानसभा चुनाव में क्या होता है ये तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा.   

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