अहमदनगर. शनिवार को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिलें में चुनाव के विवाद में हुई 2 शिवसेना नेता की हत्या के मामले में एनसीपी विधायक संग्राम जगताप को रविवार देर रात और बीजेपी विधायक शिवाजी कार्डिले को सोमवार सुबह अरेस्ट किया गया है। इन नेताओं की गिरफ्तारी के बाद से इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है। इसी मामले में एक अन्य एनसीपी विधायक अरुणकाका जगताप को भी आरोपी बनाया गया है। तीनों पर हत्या की प्लानिंग का आरोप है।मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे इलाके में अतरिक्त पुलिसबल तैनात किया गया है।

हत्या के बाद पुलिस अधीक्षक कार्यालय में हुई थी तोड़फोड़

- शिवसेना नेताओं की हत्या के बाद अहमदनगर के समर्थ पुलिस स्टेशन में शिवसेना समर्थकों ने जमकर तोड़फोड़ और हंगामा किया था। इस मामले में 40 शिवसेना कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जिसमें से तकरीबन एक दर्जन को गिरफ्तार करने में पुलिस ने सफलता हासिल की है।

- सोमवार सुबह गिरफ्तार एनसीपी और बीजेपी विधायकों को कुछ देर पहले अहमदनगर की स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया है। जहां से इन्हें 12 अप्रैल तक पुलिस कस्टडी में बजने का आदेश सुनाया गया है।
- दोनों को शिवसेना नेताओं के परिजनों की तहरीर के बाद अरेस्ट किया गया है। पुलिस इस मामले में कुछ ही देर में प्रेस कांफ्रेंस कर और जानकारी दे सकती है।
- गिरफ्तार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(एनसीपी) के संग्राम जगताप अहमदनगर सिटी सीट से विधायक हैं। वहीं बीजेपी शिवाजी कार्डिले अहमदनगर की राहुरी सीट से विधायक हैं।

सड़क पर काफी देर तक पड़े रहे शव
- जिले के केडगांव स्थित शाहुनगर इलाके में शनिवार को अहमदनगर मनपा उपचुनाव के नतीजे घोषित होते ही संजय कोटकर और वसंत ठुबे नाम के दो शिवसेना नेताओं की गोली मारकर और घातक हथियार से हमला कर हत्या कर दी गई। वारदात के बाद दोनों नेताओं के शव सड़क पर काफी देर तक पड़े रहे।
- बाद में जब पुलिस को इसकी जानकारी मिली तब पुलिस के आला अधिकारी और शिवसेना नेता मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
- अहमदनगर मनपा के उपचुनाव में कांग्रेस के विशाल कोटकर विजयी घोषित हुए। वे पूर्व महापौर व अशोक लांडे की हत्या के मामले में सजा काट रहे संदीप कोटकर के भाई हैं। उपचुनाव में भाजपा व शिवसेना प्रत्याशी पराजित हुए थे।

पूरी प्लानिंग से की शिवसेना नेताओं की हत्या
- अहमदनगर पुलिस के अनुसार, हमलावरों ने पहले संजय कोटकर और वसंत ठुबे की गाड़ियों का पीछा किया। उन्हें रोकने के बाद उनपर ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दी। उनके घायल होने के बाद बचने की गुंजाइश न रह जाय इसके लिए उनपर घातक हथियारों से वार किए। इस हमले में दोनों नेताओं ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। हमलावरों के आतंक से डरकर कोई आगे आने की हिम्मत न कर सका।
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