श्रीनगर I जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा के एक फोन कॉल के साथ राज्य की मुख्यमंत्री के रूप में महबूबा मुफ्ती के कार्यकाल का अचानक अंत हो गया. वोहरा ने महबूबा मुफ्ती को फोन कर बताया कि बीजेपी ने पीडीपी के साथ गठबंधन तोड़ लिया है.
सोमवार का दिन महबूबा के लिए दूसरे कामकाजी दिन की ही तरह था. वह सिविल सचिवालय में अपने कार्यालय में थीं जब मुख्य सचिव बीबी व्यास के पास राज्यपान का फोन कॉल आया और उन्होंने व्यास से तुरंत मुख्यमंत्री के साथ बात कराने को कहा. इसके कुछ ही मिनटों के बाद राष्ट्रीय राजधानी में दोपहर करीब दो बजे बीजेपी के महासचिव राम माधव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में फैसले की घोषणा कर दी. इससे राज्य में एक बार फिर राज्यपाल शासन की ओर बढ़ गया है.
राज्यपाल ने महबूबा को बीजेपी के फैसले की जानकारी दी जो उन्हें बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना द्वारा भेजे गए एक पत्र से मिली. पत्र के साथ बीजेपी के मंत्रियों के इस्तीफे के पत्र थे. महबूबा ने चुपचाप राज्यपाल की बात सुनी और कुछ पल रुकने के बाद कहा कि बीजेपी के साथ बातचीत करने की जरूरत नहीं है और वह अपना इस्तीफा सौंप देंगी. इसके बाद महबूबा ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
'हमारा एजेंडा पूरा हुआ'
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में डर की नीति नहीं चलेगी. उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां अलग-अलग विचारधारा को मानती हैं, लेकिन फिर भी सत्ता के लिए नहीं बल्कि बड़े विजन को साथ लेकर हमने BJP के साथ गठबंधन किया था. महबूबा ने कहा कि सरकार के जरिये वह कश्मीर में अपना एजेंडा लागू करवाने में सफल रही हैं. महबूबा का कहना है कि कश्मीर के लोगों से बातचीत होनी चाहिए, पाकिस्तान से बातचीत होनी चाहिए, ये उनकी हमेशा से कोशिश रही है.
बीजेपी ने किया ब्रेकअप
इससे पहले बीजेपी नेता राममाधव ने पीडीपी से समर्थन वापस लेने का ऐलान करते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से कश्मीर में स्थिति काफी बिगड़ी है, जिसके कारण हमें ये फैसला लेना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री, अमित शाह, राज्य नेतृत्व सभी से बात की है. सरकार गिरने के बाद बीजेपी ने जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाए जाने की मांग की है.
Post A Comment:
0 comments so far,add yours