पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ना सिर्फ दिग्‍गज राजनीतिज्ञ थे बल्कि खेल से भी उन्‍हें खास लगाव था, लिहाजा आज से 14 साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान दौरे पर जा रही टीम इंडिया को एक ऐसी सलाह दी, जिसे आज तक कोई खिलाड़ी नहीं भूला है, फिर चाहे वह क्रिकेटर हो या किसी और खेल का प्लेयर.

2004 में पांच वनडे और तीन टेस्ट मैचों की ऐतिहासिक सीरीज खेलने पाकिस्तान जा रही सौरव गांगुली एंड कंपनी को अटल बिहारी वाजपेयी ने बुलाया और उन्हें एक बल्ला दिया. उस बल्ले पर लिखी उस लाइन को आज भी न सिर्फ प्लेयर्स, बल्कि लोग भी दोहराते हुए मिल ही जाएंगे.

भारत और पाकिस्तान दोनों के बीच शांति वार्ता शुरू करने के बाद से रिश्तों को सुधारने के अटल जी के लिए की जा रही पहल के चलते 14 साल में पहली बार टीम इंडिया एक पूरी सीरीज खेलने पाकिस्तान दौरे पर गई थी, जहां भारत ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. इस सीरीज के विशेष वीजा दिया गया था.

हालांकि देश में इस सीरीज का काफी विरोध भी हुआ था. इसे रद्द करने की भी मांग की जा रही थी, लेकिन कड़ी सुरक्षा के बीच टीम पाकिस्तान पहुंची थी. भारत ने 11 मार्च 2004 से अप्रैल 2004 में हुई सीरीज में 3-2 से वनडे और 2-1 से टेस्ट सीरीज जीती थी. दौरे पर रवाना होने से पहले टीम इंडिया को अटल जी से मिली, जहां तत्कालीन प्रधानमंत्री ने उन्हें शुभकामनाओं के तौर पर बल्ला दिया था और उसे बल्ले पर लिखा था खेल ही नहीं, दिल भी जीतिए, शुभकामनाएं.

इस ऐतिहासिक दौरे में टेस्ट सीरीज में भारत की ओर से वीरेंद्र सहवाग ने सर्वाधिक रन बनाए थे. सहवाग ने कुल 438 रन ठोके थे, वहीं अनिल कुंबले ने सर्वाधिक 15 विकेट लिए थे. मुल्तान में हुए पहले टेस्ट मैच में सहवाग ने 309 रन की पारी खेली थी, जिसके बाद सहवाग को 'मुल्तान का सुल्तान' नाम से जाने जाना लगा. जबकि वनडे सीरीज में मेजबान पाकिस्तान के कप्तान इंजमाम-उल-हक ने सर्वाधिक रन बनाए. इंजमाम ने 340 रन बनाए थे, वहीं पाकिस्तानी गेंदबाज मोहम्मद सामी ने सबसे ज्यादा 11 झटके थे. भारत की ओर से सर्वाधिक रन राहुल द्रविड़ ने 248 और सबसे ज्यादा विकेट इरफान पठान ने 8 विकेट लिए थे.
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