नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सरकार के द्वारा अगले साल 26 जनवरी को नई दिल्ली में होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के लिए मिले निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक अमेरिकी अधिकारियों की तरफ से एनएसए अजीत डोभाल को दिए गए लेटर से इस बात की जानकारी मिलती है। लेटर में ट्रंप की तरफ से माफी भी मांगी गई है।

अमेरिकी प्रशासन की घरेलू एजेंसी के अनुसार अगले साल 26 जनवरी के आस-पास डोनाल्ड ट्रंप 'स्टेट ऑफ द यूनियन अड्रेस' (राष्ट्र के नाम संबोधन) में व्यस्त रहेंगे इसी कारण उन्होंने भारत सरकार के निमंत्रण को स्वीकार नहीं किया है। आपको बता दें कि ट्रंप का ये फैसला पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बिल्कुल विपरित है, क्योंकि 2015 में बराक ओबामा ने व्यस्तताओं के बावजूद पीएम मोदी का आमंत्रण स्वीकार कर भारत आए थे, और गणतंत्र दिवस के समारोह में भाग भी लिया था।

इसके पहले जुलाई में ये खबर सामने आई थी कि 2019 गणतंत्र दिवस के लिए ट्रंप को निमंत्रण दिया गया है, और अमेरिका ने भी इसकी पुष्टि की थी। अमेरिका की तरफ से कहा गया था कि इस पर अंतिम निर्णय सितंबर में होने वाले 2+2 डायलॉग के बाद लिया जाएगा।

आपको बता दें कि भारत का ईरान से तेल खरीदना और रूस से रक्षा सौदे के बाद भारत और अमेरिका के बीच के रिश्तों में पहले वाली मधुरता नहीं रह गई है। अमेरिका की धमकियों के बावजूद भारत ने ना सिर्फ रूस से एस-400 के एयर मिसाइल खरीदे बल्कि ईरान से भी तेल का आयात जारी रखा।
गौरतलब है कि 2+2 डायलॉग के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था कि 4 नवंबर तक अगर ईरान से तेल के आय़ात पर रोक ना लगाई तो उन्हें भी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा। इस पर भारत ने अपने जवाब में कहा था कि उनकी तेल कंपनियों ने नवंबर महीने के लिए पहले से तेल का ऑर्डर प्लेस कर दिया है।
2015 में बराक ओबामा को बुलाने के बाद अब इस साल ट्रंप को बुलाने के पीछे का पीएम मोदी का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। लेकिन सूत्रों का मानना है कि अगले साल चुनाव भी होने वाले हैं और भारत के वैश्विक स्तर पर बढ़ती शक्ति को दुनिया के सामने पेश करने का मोदी का ये लक्ष्य हो सकता है।  
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