नई दिल्ली। 3500 करोड़ रुपये के एयरसेल-मैक्सिस घोटाले में आरोपित पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर मुकदमा चलाने का रास्ता साफ हो गया है। घोटाले के समय चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे। इसलिए उन पर मुकदमा चलाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) को केंद्र सरकार की अनुमति की जरूरत थी, जो अब मिल गई है। सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट स्थित विशेष अदालत में सीबीआइ ने यह जानकारी दी। अब अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी, तब तक के लिए चिदंबरम व उनके आरोपित बेटे कार्ति की गिरफ्तारी से राहत की अवधि भी बढ़ा दी गई है। उन्हें इस तारीख तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकेगा।

अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता सोमवार को सीबीआइ की ओर से पटियाला हाउस कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने अदालत को बताया कि एयरसेल-मैक्सिस घोटाले में कुल 18 आरोपित हैं, जिनमें पी. चिदंबरम समेत 11 के खिलाफ मुकदमा चलाने की केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है। कुछ आरोपितों को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है। हालांकि, इससे पहले सात आरोपितों के खिलाफ अभियोग की मंजूरी अलग-अलग विभागों से लेनी होगी। सीबीआइ ने अदालत से कुछ मोहलत मांगी तो अगली सुनवाई की तिथि तय कर दी गई।

इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआइ ने पी. चिदंबरम पर आरोप लगाया था कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। चिदंबरम और कार्ति ने कोर्ट में जवाब दाखिल कर इस आरोप को नकारा था। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) ने निवेश को मंजूरी देने में कोई अपराध नहीं किया था और न ही इस मामले में कोई षड्यंत्र किया गया। 
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