पर्थ I भारतीय टीम ने पर्थ टेस्ट 146 रन से गंवा दिया है और इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-1 से बराबर कर ली है. इस सीरीज में अभी दो टेस्ट मैच खेले जाने बाकी हैं. मजेदार बात ये है कि दौरा शुरू होने से पहले कमजोर मानी जा रही ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज में दम भर दिया है. जबकि पर्थ टेस्ट में भारत की हार की प्रमुख वजह स्पिनर नहीं खिलाना रहा.
हालांकि मैच के बाद कप्तान विराट कोहली ने कहा, 'मुझे पर्थ की पिच देखकर नहीं लगा था कि यहां स्पिनर को मौका देना चाहिए. जबकि चार तेज गेंदबाज़ खिलाने का फैसला टीम का था.'
वैसे इस टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के लिए एक तरफ स्पिनर नाथन लायन हीरो साबित हुए तो दूसरी तरफ स्पिनर की जगह टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में जगह पाने वाले उमेश यादव ने खासा निराश किया. इसे यूं भी कहा जा सकता है कि वह पर्थ में टीम पर बोझ साबित हुए. जबकि मैच के दौरान हर कोई टीम इंडिया के स्पिनर ना खिलाने की वजह पर चर्चा और आलोचना करता नजर आया.
...और हार का कारण बन गए उमेश
नाथन लायन ने पर्थ टेस्ट में 106 रन देकर 8 खिलाड़ी आउट किए और उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया. जबकि उमेश यादव ने दोनों पारियों में 37 ओवर डालते हुए 139 रन देकर सिर्फ दो विकेट लिए. क्रिकेट के जानकारों का मानना है कि उमेश की जगह रवींद्र जडेजा या फिर कुलदीप को पर्थ में खिलाया जाता तो वह लायन के समकक्ष प्रदर्शन कर सकते थे. संभवत: भारत यहां जीत हासिल करके सीरीज जीतने का दम भर सकता था.
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