नई दिल्ली : डॉ. उर्जित पटेल ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया है। केंद्र सरकार के साथ उनके मतभेदों के बीच यह खबर सामने आई है। सरकार और आरबीआई के बीच सेक्शन 7 के इस्तेमाल को लेकर तनातनी थी। उर्जित पटेल ने इस्तीफे के पीछे निजी कारण बताया है। आरबीआई गवर्नर के इस्तीफे के बाद प्रतिक्रियाओं का दौर शुरु हो गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बारे में रिएक्शन दिया है। पीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'डॉ. उर्जित पटेल एक बहुत ही समर्थ और गहरी समझ रखने वाले अर्थशास्त्री हैं। उन्हें अर्थशास्त्र से जुड़े मामलों की गहरी समझ है। उन्होंने बैकिंग प्रणाली में अनुशासन स्थापित किया और नेतृत्व से आरबीआई में वित्तीय स्थिरता लाई।'

एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री ने लिखा, 'उर्जित पटेल निर्विवाद रूप से एक पेशेवर व्यक्ति हैं। वह 6 साल से भारतीय रिजर्व बैंक के साथ गवर्नर और डिप्टी गवर्नर के तौर पर जुड़े हुए थे। उन्होंने एक महान विरासत पीछे छोड़ी है। हम उन्हें बहुत मिस करेंगे।'

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी आरबीआई गवर्नर के इस्तीफे पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, 'सरकार आरबीआई में डॉ. उर्जित पटेल की सेवा के प्रति आभार प्रकट करती है और उनके काम की सराहना करती है। यह मेरे लिए खुशी के बात है कि उनके साथ काम करने का मौका मिला। उन्हें भविष्य के लिए और सार्वजनिक सेवा में बने रहने के लिए शुभकामनाएं।'

कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम भी उर्जित पटेल के इस्तीफे पर बोले। उन्होंने कहा कि उर्जित पटेल को पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। साथ ही टाइम्स नाउ से बातचीत में कांग्रेस नेता ने कहा कि अब आरबीआई की व्यवस्था लचर हो चुकी है।

गौरतलब है कि यह कोई पहली बार नहीं है कि जब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर और मोदी सरकार के बीच मतभेद हुए हों। इससे पहले रघुराम राजन भी सरकार से तनातनी को लेकर चर्चा में रहे हैं। 
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