नई दिल्ली I संसद का शीतकालीन सत्र मंगलवार से शुरू हो रहा है। सत्र शुरू होने से पहले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे, राम मंदिर और तीन तलाक पर छाई सियासी गर्मी पर सबकी निगाहें सरकार के भावी रुख पर टिकी हुई है।

सत्र से पहले विपक्ष सरकार पर हमलावर है। मंगलवार को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार सहित कुछ अन्य दिवंगत सांसदों को श्रद्धांजलि देने के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित हो जाएगी।

सत्र ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब सरकार पर संघ, विहिप और संत राम मंदिर निर्माण के लिए तत्काल कानून लाने की मांग कर रहे हैं। वहीं मंगलवार को ही मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित पांच राज्यों के बहुप्रतीक्षित नतीजे आने हैं।

इसके अलावा तीन तलाक पर पहले ही अध्यादेश ला चुकी मोदी सरकार नरम रुख अपनाने के मूड में नहीं है। जबकि विपक्ष ने सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में ईवीएम पर सवाल उठाने के अलावा राफेल सौदे की जांच के लिए जेपीसी गठित करने की मांग कर अपने आक्रामक तेवर का आभास करा दिया है।


नतीजे तय करेंगे भविष्य

सत्र की कार्यवाही चलेगी या नहीं यह बहुत तक तक मंगलवार को आने वाले नतीजों पर निर्भर करेगा। अगर परिणाम सत्ताधारी भाजपा के प्रतिकूल आए तो चुनावी वर्ष के साथ-साथ औपचारिक रूप से इस सरकार के अंतिम सत्र में विपक्ष हमले का कोई मौका नहीं गंवाएगी। इसके उलट सकारात्मक परिणाम आने से विपक्ष का मनोबल टूटेगा। विपक्ष की बैठक से सपा-बसपा ने दूरी दिखा कर नतीजे का इंतजार करने का मन बनाया है। 
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