नई दिल्ली I लोकसभा चुनाव का बिगुल अब किसी भी हफ्ते में बज सकता है. राजनीतिक दल अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. सियासत के नए समीकरण बन रहे हैं और तमाम छोटे दल एक दूसरे से गठबंधन कर अपनी ताकत बढ़ाने में जुटे हैं. हर तरफ यही सवाल है कि 2019 में किसकी बनेगी सरकार और किसकी होगी हार. सियासत के इसी शोर के बीच आजतक ने कार्वी इनसाइट्स के साथ अपने सर्वे में देश का मिजाज जाना और इस सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश की कि क्या 2019 में भी 2014 जैसे परिणाम दोहराए जाएंगे या इस बार केंद्र में कोई नई सरकार देखने को मिलेगी.  

सर्वे के नतीजे बताते हैं कि 2014 के मुकाबले 2019 में वोटों के मामले में बहुत अंतर आया है. 2014 में एनडीए को 38 फीसदी वोट मिले थे जबकि यूपीए के हिस्से में महज 23 फीसदी वोट आए थे. अन्य दलों के हिस्से में तब 39 फीसदी वोट गए थे. हम जानते हैं कि इस वोट प्रतिशत ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एऩडीए को केंद्र में भारी बहुमत दिलाया था और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे. उसके बाद हर छह महीने बाद आजतक के सर्वे देश का मिजाज में ये वोट प्रतिशत बदलता रहा. इस महीने के लिए हुए सर्वे में एनडीए को 35 फीसदी तो यूपीए को 33 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है. अन्य दलों के हिस्से में बाकी के 32 फीसदी वोट जा रहे हैं.
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