नई दिल्ली : दक्षिण कोरिया के दो दिन के दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सियोल पहुंचे। वहां पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। पीएम भारत और दक्षिण के बीच विशेष रणनीतिक पार्टनरशिप को मजबूत करने ओर द्विपक्षीय व्यापारिक संबंध को पर वार्ता करेंगे। दक्षिण कोरिया के लिए रवाना होने से पहले पीएम ने दक्षिण कोरिया को मूल्यवान मित्र और मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत, स्टार्ट अप इंडिया जैसे कार्यक्रमों में विशेष सामरिक साझीदार बताया। इस यात्रा के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी को 2018 का सियोल शांति सम्मान प्रदान किया जाएगा। इससे संबंधित समारोह का आयोजन सियोल शांति सम्मान सांस्कृतिक फाउंडेशन ने 22 फरवरी को किया है जो राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोदी के योगदान को मान्यता प्रदान करने के बारे में है। मोदी दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेइ इन के निमंत्रण पर यहां पहुंचे हैं। यह 2015 के बाद से कोरिया गणराज्य की उनकी दूसरी यात्रा है और राष्ट्रपति मून जेइ इन के साथ उनकी दूसरी शिखर बैठक है। 
रवानगी से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया था, 'मैं बुधवार शाम को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति राष्ट्रपति मून जे इन के निमंत्रण पर दक्षिण कोरिया के लिए रवाना हो जाऊंगा। हम दक्षिण कोरिया को एक मूल्यवान मित्र मानते हैं जिसके साथ हमारी विशेष सामरिक भागीदारी है। इस यात्रा से द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।' उन्‍होंने कहा कि लोकतंत्र के साथी के रूप में भारत और दक्षिण कोरिया ने साझा मूल्य और विश्व शांति के लिए एक दृष्टिकोण साझा किया है। बाजार अर्थव्यवस्था के साथी के रूप में हमारी ज़रूरतें और ताकत एक दूसरे की पूरक हैं। दक्षिण कोरिया मेक इन इंडिया, स्‍वच्‍छ भारत और स्‍टार्ट अप इंडिया का महत्‍वपूर्ण साझीदार है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बुधवार को कहा कि इस यात्रा से दक्षिण कोरिया के साथ भारत की विशेष सामरिक साझेदारी मजूबत होगी और लुक ईस्ट नीति में नया आयाम जुड़ेगा। कुमार ने ट्वीट किया, उच्चस्तरीय आदान-प्रदान की गति बरकरार रखते हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रिपब्लिक ऑफ कोरिया की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा के लिए सियोल रवाना हुए।'
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के साथ सामरिक मुद्दों समेत द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों पर चर्चा करेंगे।  दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान साझा हितों से जुड़े क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान हो सकता है जिसका मकसद साझे मूल्यों एवं हितों पर आधारित दोनों देशों के विशेष सामरिक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाना है। 
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