संयुक्त राष्ट्र I संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की निंदा की। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे और इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। सुरक्षा परिषद ने इस घटना के अपराधियों, षडयंत्रकर्ताओँ और उन्हें धन मुहैया कराने वालों को ‘इस निंदनीय कृत्य’ के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने और न्याय के दायरे में लाने की जरूरत को रेखांकित किया। 

संयुक्त राष्ट्र की 15 शक्तिशाली देशों की इस इकाई ने अपने बयान में पाकिस्तान के आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद का नाम भी लिया। इस परिषद में चीन वीटो क्षमता वाला स्थायी सदस्य है। उसने पूर्व में भारत द्वारा सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति से आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की मांग के रास्ते में रोड़ा अटकाया है।

यूएनएससी की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘सुरक्षा परिषद के सदस्य 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर में जघन्य और कायरान तरीके से हुए आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा करते हैं जिसमें भारत के अर्धसैनिक बल के 40 जवान शहीद हो गए थे और इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।' बयान में आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरों में से एक बताया गया।

बयान में आगे कहा गया है, 'सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने आतंकवादियों के इन प्रतिशोधी कृत्यों के अपराधियों, आयोजकों, आर्थिक मददगारों और प्रायोजकों को पकड़ने की आवश्यकता को रेखांकित किया। साथ ही उन्हें न्याय के दायरे में लाने की बात की और सभी देशों से अंतरराष्ट्रीय कानून और संबंधित सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत उनके दायित्वों के अनुसार, इस संबंध में भारत सरकार और अन्य सभी संबंधित अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करने के लिए कहा है।'

यूएनएससी के सदस्यों ने पीड़ितों के परिवार के साथ ही भारतीय लोगों और सरकार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं सहानुभूति प्रकट की और उन लोगों के जल्दी ठीक होने की कामना की जो घायल हैं। बयान में कहा गया है, 'सुरक्षा परिषद् के सदस्यों ने इस बात को एक बार फिर दोहराया कि अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है।'
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