कोलकाता : रॉबर्ट वाड्रा से मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बुधवार को नई दिल्‍ली स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कार्यालय में करीब 6 घंटे तक पूछताछ हुई। वाड्रा से जुड़ा यह मामला प्रियंका गांधी के औपचारिक तौर पर सक्रिय राजनीति में आने के कारण इन दिनों और अधिक सुर्खियों में है। वाड्रा को ईडी दफ्तर तक छोड़ने खुद प्रियंका पहुंची थीं और उन्‍होंने यह भी कहा कि वह अपने पति के साथ खड़ी हैं और 'पूरी दुनिया जानती है कि क्या हो रहा है।' इस मुद्दे पर अब वाड्रा को घर के बाहर से भी समर्थन मिला है।

वाड्रा का समर्थन अब पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री व तृणमूल अध्‍यक्ष ममता बनर्जी ने किया है, जिनकी पिछले कुछ दिनों से सारधा चिटफंड घोटाला मामले की सीबीआई जांच को लेकर केंद्र के साथ ठनी हुई है। ममता का आरोप है कि केंद्र सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है तो केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल की सीएम पर जांच कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाया है।

इन सबके बीच, ममता ने कहा कि यूपीए चेयपर्सन सोनिया गांधी के दामाद के खिलाफ ईडी की कार्रवाई 'राजनीति से प्रेरित' है। उन्‍होंने इसे केंद्र द्वारा विपक्षी दलों को एकजुट होने से रोकने की कोशिश करार दिया। ममता ने कहा, 'यह विपक्ष को एकजुट होने से रोकने की कोशिश है और इसलिए किसी को भी ईडी का नोटिस भेज दिया जा रहा है। लेकिन सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट हैं।'

यहां उल्‍लेखनीय है कि टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने पिछले महीने ही कोलकाता में बीजेपी के खिलाफ एक बड़ी रैली आयोजित की थी, जिसमें 20 विपक्षी दलों के नेताओं ने शिरकत की थी। इसे केंद्र की मौजूदा बीजेपी सरकार के खिलाफ बड़ी मुहिम के तौर पर देखा गया था और प्रेक्षकों ने यह भी कहा कि इसके जरिये ममता खुद को विपक्षी दलों की निर्विवाद नेता के तौर पर स्‍थापित करना चाहती हैं।
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