वाराणसी: तेलंगाना के निजामाबाद के 50 हल्दी किसानों का एक समूह शनिवार को वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र उम्मीदवारों के रूप में नामांकन दाखिल करने के लिए पहुंचा। हालांकि उनका कहना है कि वो किसी का विरोध नहीं कर रहे हैं। इस माध्यम से वो अपनी समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कराना चाहते हैं। 
उनके प्रवक्ता ने कहा, 'हम किसी का विरोध नहीं कर रहे हैं। हम समस्याओं को उजागर करना चाहते हैं और हमारी मांग है कि हल्दी बोर्ड का निर्माण किया जाए। इसके अलावा हल्दी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 15000 रुपए प्रति क्विंटल (MSP) हो।
उनका कहना है कि उनकी समस्याओं को ना तो सत्तारूढ़ भाजपा सरकार सुन रही है और ना ही पिछली यूपीए सरकार ने सुना। एक किसान ने कहा, 'यह समस्या यूपीए के कार्यकाल के दौरान भी हल नहीं हुई थी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ऐसा ही किया। हम उनके खिलाफ नहीं हैं और न ही किसी के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं।' 
पिछले तीन से चार वर्षों से अकाल की स्थिति और एमएसपी की कमी के कारण देश भर के हल्दी किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस साल हल्दी की कीमतें 5,200 रुपए प्रति क्विंटल से गिरकर 3,200 रुपए प्रति क्विंटल हो गई हैं।
26 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया था। पीएम मोदी के खिलाफ कांग्रेस के अजय राय और सपा नेता शालिनी यादव हैं। यह दूसरी बार होगा जब प्रधानमंत्री मोदी और राय वाराणसी सीट से चुनाव लड़ेंगे।
2014 के लोकसभा चुनावों में मोदी ने वाराणसी से 3.37 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। AAP नेता अरविंद केजरीवाल जहां दूसरे स्थान पर आए, वहीं राय वोटिंग में तीसरे स्थान पर रहे। लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में 19 मई को वाराणसी में मतदान होगा। मतों की गिनती 23 मई को होगी।
Share To:

Post A Comment:

0 comments so far,add yours