नई दिल्ली: आम चुनाव 2019 के नतीजों के बाद ये साफ हो गया कि यूपीए और दूसरे दल अपना करिश्मा नहीं दिखा सके। मतगणना वाले दिन राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पीएम मोदी को बधाई देने के बाद कहा कि हम समीक्षा करेंगे। कांग्रेस की कार्यसमित में समीक्षा हुई और राहुल गांधी काफी उखड़े से नजर आए। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के पुत्रमोह की वजह से पार्टी का ये हाल हुआ है। उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन उनके निशाने पर अशोक गहलोत, पी चिदंबरम और कमलनाथ थे। कांग्रेस कार्यसमिति में बैठक का दौर जारी थी और अलग अलग प्रदेशों के अध्यक्ष अपना इस्तीफा भेज रहे थे।
राहुल गांधी भी अपने इस्तीफे पर अड़े हुए थे। लेकिन अब बताया जा रहा है कि वो सशर्त अध्यक्ष पद बने रहने के लिए तैयार हैं। लेकिन कल का दिन गहमागहमी से भरा रहा। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट दिल्ली आए और उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की कोशिश की। लेकिन बताया जा रहा है कि उन्होंने इन दोनों नेताओं से मिलने से इनकार कर दिया।
जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी अगर अपनी पार्टी के कद्दावर नेताओं से नाराज हैं तो उसके पीछे ठोस वजह है। उनका कहना है कि अगर पांच महीने पहले बनी सरकार का ये हाल है तो और राज्यों में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन कैसे कर सकती है। इसके साथ ही अगर वो कहते हैं पुत्रमोह ने पार्टी की लुटिया डूबो दी तो उसमें सच्चाई है। लेकिन सवाल ये है कि कांग्रेस अपनी गलतियों से कभी नहीं सीखती है। कॉस्मेटिक सर्जरी के जरिए वो अपना बचाव करती है। ये बात अलग है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी मंशा जाहिर कर दी है, हालांकि यह देखने वाली बात होगी कि क्या जमीन पर कांग्रेस उन संकल्पों को उतार पाएगी जो वो बंद कमरों में करती है।
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