नई दिल्ली: गुरुवार शाम को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिपरिषद के साथ शपथ ग्रहण की। कुल 24 कैबिनेट मंत्रियों, 9 स्वतंत्र प्रभार और 24 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली। हालांकि कई ऐसे भी नाम हैं, जिन्हें मोदी कैबिनेट 2.0 में मौका नहीं मिला। 2014 में पहली मोदी सरकार में मंत्री बने मेनका गांधी, सुरेश प्रभु, जेपी नड्डा और राधामोहन सिंह इस बार सरकार का हिस्सा नहीं हैं।
कैबिनेट मंत्रियों के अलावा राज्य रैंक के मंत्री- राज्यवर्धन सिंह राठौर, महेश शर्मा, जयंत सिन्हा, एसएस अहलूवालिया, विजय गोयल, के अल्फोंस, रमेश जिगाजिनागी, राम कृपाल यादव, अनंत कुमार हेगड़े, अनुप्रिया पटेल, सत्य पाल सिंह भी मंत्रिपरिषद का हिस्सा नहीं हैं। शिवप्रताप शुक्ला, जुएल ओराम, चौधरी बीरेंद्र सिंह, विजय सांपला, अनंत गीते, सुभाष भामरे और पीपी चौधरी भी दोबारा मंत्री नहीं बने।
अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और उमा भारती भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुए। हालांकि जेटली ने स्वास्थ्य कारणों से सरकार में शामिल होने से मना कर दिया, वहीं सुषमा स्वराज और उमा भारती ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा।'
नए मंत्रिमंडल में पूर्व दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा को भी शामिल नहीं किया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा गाजीपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव हार गए हैं। उनको बहुजन समाज पार्टी के अफजाल अंसारी ने शिकस्त दी।
शपथ ग्रहण समारोह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'आज शपथ लेने वाले सभी लोगों को बधाई। यह टीम युवा ऊर्जा और प्रशासनिक अनुभव का मिश्रण है। इसमें ऐसे लोग हैं जिन्होंने सांसदों के रूप में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और जिन्होंने पेशेवर करियर को प्रतिष्ठित किया है। साथ मिलकर, हम भारत की प्रगति के लिए काम करेंगे।'
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