नई दिल्ली I नवजोत सिंह सिद्धू के सितारे गर्दिश में हैं. कांग्रेस को लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पार्टी के सीनियर लीडरशिप से डिमांड की है कि सिद्धू के पोर्टफोलियो में बदलाव किया जाए. अमरिंदर सिद्धू से बुरी तरह नाराज है लेकिन उनके लिए ये इकलौती परेशानी नहीं है. हाल ही में सिद्धू ने दावा किया था कि अगर स्मृति ईरानी अमेठी से राहुल गांधी को हराने में कामयाब रहती हैं तो वे पॉलिटिक्स छोड़ देंगे. राहुल गांधी की ऐतिहासिक हार के बाद सिद्धू का बयान उनके लिए गले की फांस बन गया है.

कांग्रेस ने पंजाब में 13 में से 8 सीटें जीती हैं. इसके बावजूद स्थानीय कांग्रेस यूनिट में काफी परेशानियां चल रही हैं और इसकी बड़ी वजह अमरिंदर सिंह और नवजोत  सिद्धू के बीच तनातनी को बताया जा रहा है. अमरिंदर ने शहरी क्षेत्रों में बुरा प्रदर्शन के लिए सिद्धू को जिम्मेदार ठहराया था. वहीं सिद्धू ने अपनी पत्नी को टिकट ना मिलने के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया था और वे 20 दिनों तक काम से बिना किसी को बताए गायब भी हो गए थे. सिद्धू के पाकिस्तान के समर्थन में कुछ बयान उनके पतन का कारण साबित हो रहे है. उन्होंने कुछ समय पहले पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा को गले लगाया था. इस पर भी अमरिंदर सिंह काफी नाराज नजर आए थे. इसके अलावा वे अपने क्रिकेटर दोस्त इमरान खान के समर्थन के चलते भी विरोधियों के निशाने पर रहते हैं. 
कई लोग सोशल मीडिया पर सिद्धू को उनके बयान पर कायम रहने के लिए कह रहे हैं और उन्हें राजनीति से सन्यास लेने की मांग कर रहे हैं. सिद्धू उस समय भी फेमिनिस्ट्स ग्रुप्स के निशाने पर आ गए थे जब उन्होंने नरेंद्र मोदी को लेकर कहा था कि मोदी जी उस दुल्हन की तरह हैं 
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