लोकसभा चुनाव 2019 के लिए दो और चरणों का मतदान बाकी है. इससे पहले हर दल अपनी-अपनी रणनीति तैयार कर रहा है. इसी बीच सूत्रों की मानें तो विपक्ष की योजना है कि वह मतदान खत्म होने के बाद राष्ट्रपति से मिलेगा और उन्हें इस बात के लिए राजी करने की कोशिश करेगा कि अगर खंडित जनादेश मिलता है तो वे सबसे बड़े दल को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित न करें.

NDTV की एक रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने कहा कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी का विरोध कर रहे 21 विपक्षी दल ने एक चिट्ठी पर दस्तखत करने की योजना बना रहे हैं. उनका कहना है कि एक बार परिणाम आ जाए उसके तुरंत बाद वह वैकल्पिक सरकार के लिए राष्ट्रपति को दलों के समर्थन की चिट्ठी देने को तैयार रहेंगे.

सूत्रों के मुताबिक यह असामान्य कदम इस वजह से उठाया जा रहा है, ताकि राष्ट्रपति बीजेपी को सरकार बनाने का मौका न दें, जिससे क्षेत्रीय दलों और गठबंधनों में फूट पड़े. 543 सीटों वाली लोकसभा में सरकार बनाने के लिए 274 सीटों की जरूरत है.



साल 1998 में तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायणन ने सरकार बनाने का न्योता देने से पहले अटल बिहारी वाजयेपी से विभिन्न दलों का समर्थन पत्र मांगा था. उस वक्त बीजेपी के पास 182 सीटें और एनडीए गठबंधन के पास 254 सीटें थीं. वहीं कांग्रेस को 142 सीटें मिली थीं. ऐसे में वाजपेयी के नेतृत्व में बनी यह सरकार 20 महीने बाद 1 वोट के चलते गिर गई थी.
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