नई दिल्ली I वायुसेना के एएन-32 विमान को लापता हुए 100 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन अब तक इसका कोई सुराग नहीं मिला. शुक्रवार सुबह भारतीय नेवी के पी8आई विमान ने तमिलनाडु के अरक्कोणम से सर्च ऑपरेशन शुरू किया. लेकिन उसे भी असफलता ही हाथ लगी. विमान में 13 लोग सवार थे और इसे लापता हुए 5 दिन बीत चुके हैं. आज छठे दिन दोबारा इस विमान को खोजने के लिए सर्च मिशन चलाया जाएगा.

शुक्रवार को जब-जब मौसम ने साथ दिया तो लापता विमान को ढूंढने में हेलीकॉप्टर्स, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, यूएवी और अन्य सेंसर्स का इस्तेमाल किया गया. सभी संभावनाओं को देखते हुए सर्च एरिया भी बढ़ाया गया है. सर्च ऑपरेशन में सेना, पुलिस, राज्य सरकार, पैरामिलिटरी फोर्स और स्थानीय लोग भी साथ दे रहे हैं. आर्मी की सर्च पार्टी इलाके में पिछले दो दिनों से खोजबीन कर रही है.

लापता एयरक्राफ्ट की खोज के लिए वे घने जंगलों में भी जा रहे हैं. ईस्टर्न एयर कमांड के सीनियर एयर स्टाफ ऑफिसर अरुणाचल प्रदेश में सर्च ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं. लापता वायुसैनिकों के परिवारवालों से भारतीय वायुसेना लगातार संपर्क में है. उन्हें हर मुमकिन सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. 6 जून को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने परिवारवारों से मुलाकात कर उन्हें सर्च ऑपरेशन की जानकारी दी. इससे पहले असम के जोरहाट में एयर मार्शल आरडी माथुर ने लापता वायुसैनिकों के परिवारवालों से मुलाकात की थी.

गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश के मोलो गांव की ओर एक पहाड़ से आदिवासी ग्रामीणों ने 'गाढ़ा काला धुआं' निकलते हुए देखा था. सोमवार दोपहर इस विमान का एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूट गया था. सीएम पेमा खांडू ने कहा कि तुम्बिन गांव के तीन लोगों ने कहा कि उस दिन उन्हें मोटा काला धुआं दिखाई दिया था, जो मोलो गांव से करीब 7-8 किलोमीटर दूर पहाड़ से निकल रहा था. फिलहाल गांववालों के बयानों को सत्यापित किया जा रहा है. अब देखना होगा कि क्या छठे दिन विमान की खोज खत्म होती है या ढूंढने में और वक्त लगेगा.
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