मुजफ्फरपुर I बिहार में चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या 114 पहुंच गई है. पूरे मामले में सरकार खामोश है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में व्यस्त हैं, तो डिप्टी सीएम सुशील मोदी पटना में. हर कोई सवाल पूछ रहा है कि बच्चों की सांसें छिनने का सिलसिला कब खत्म होगा? फिलहाल इसका जवाब किसी के पास नहीं है.
इस बीच बुधवार को मुजफ्फरपुर के अस्पताल में चमकी बुखार के 16 नए मामले आए. मोतिहारी के सदर अस्पताल में बुधवार को 19 बच्चे भर्ती हुए. बेगूसराय में भी 3 नए केस सामने आए. मासूमों की मौत का केंद्र बन चुके मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज में हालात बदलने की कोशिश की जा रही है.
राहत कि बात ये है कि अस्पताल में कूलर लग गए हैं. एसी लग गए हैं, लेकिन बिजली की कमी फिर मुंह चिढ़ा रही है. मुजफ्फरपुर अस्पताल में बिजली का नया ट्रांसफॉर्मर जोड़ दिया गया है. केंद्र से 15 लोगों की टीम आ चुकी हैं, जिनकी मदद ली जा रही है. मुजफ्फरपुर अस्पताल में 17 बेड और आईसीयू में जोड़ गए हैं.
कैदी वार्ड को शिशु वार्ड में बदल दिया गया है. मुजफ्फरपुर प्रशासन ने लोगों को जागरुक करने के लिए 32 लोगों की टीम बनाई है. जिन जगहों से ज्यादा मरीज आ रहे हैं..वहां 10 अतिरिक्त एबुलेंस को लगाया गया है. घर-घर लोगों को ओआरएस बांटने की तैयारी है.
देश के बाकी हिस्सों में भी चमकी बुखार का डर राज्य सरकारों को सता रहा है. ओडिशा में लीची के सैंपल लेकर जांच की जा रही है. राजस्थान सरकार ने चिकित्सा विभाग को पहले से ही सतर्क रहने को कहा है. झारखंड में भी सभी अस्पतालों को अलर्ट रहने को कहा गया है.
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