इटानगर: अरूणाचल प्रदेश में वायु सेना के एएन-32 विमान के दुर्घटना वाली जगह के पास बुधवार को बचावकर्मियों के 15 सदस्यीय दल को विमान से ले जाया गया लेकिन दुर्गम घाटी और खराब मौसम के कारण कोई प्रगति नहीं हो पायी। यह दल इस हादसे में यात्रियों के जीवित बचे होने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए गया है।
वायु सेना के एक प्रवक्ता ने बताया, 'खराब मौसम और दुर्गम घाटी के कारण वे दुर्घटना स्थल तक नहीं पहुंच पाए । दुर्गम घाटी और प्रतिकूल मौसम के कारण टीम देर रात में रूकेगी और गुरुवार को दुर्घटना स्थल के करीब जाएगी।'
अरूणाचल प्रदेश में सियांग और शी योमी जिलों की सीमा पर गट्टे गांव के पास, समुद्र तल से 12,000 फुट की ऊंचाई पर वायु सेना के एमआई-17 हेलिकॉप्टर द्वारा मलबा देखे जाने के बाद वायु सेना के पर्वतारोहण दल में से नौ कर्मी, सेना के चार और दो असैन्य पर्वतारोहियों को रवाना किया गया। आठ दिनों के अभियान तथा विभिन्न एजेंसियों की खोज के बाद मलबा दिखा था।
इस इलाके में घने वन हैं और पिछले तीन दिनों से भारी बारिश हो रही है। इस विमान के लापता होने के आठ दिनों बाद इसका मलबा देखा गया था। इसमें कुल 13 लोग सवार थे। रूस निर्मित एएन-32 विमान असम के जोरहाट से तीन जून को चीन की सीमा के निकट मेंचुका एडवांस्ड लैंडिग ग्राउंड जा रहा था। उसके उड़ान भरने के 33 मिनट बाद ही दोपहर एक बजे उससे संपर्क टूट गया।  
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