नई दिल्ली। भारतीय अथॉरिटीज को आशंका है कि WhatsApp की पेमेंट सर्विस से इसकी ग्रुप कंपनियों जैसे कि फेसबुक और इंस्टाग्राम को यूजर्स का डेटा मिल सकता है।भारतीय अथॉरिटीज को आशंका है। शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने नैशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) से इस मामले को देखने और वॉट्सऐप और गूगल पे जैसी पेमेंट सर्विसेज के जरिए एकत्र किए जाने वाले यूजर डेटा को आगे साझा न करने को सुनिश्चित करने के तरीके खोजने को कहा है। देश में रिटेल पेमेंट और सेटलमेंट सिस्टम को ऑपरेट करने वाली NPCI नोडल एजेंसी है।
वॉट्सऐप की प्रपोज्ड पेमेंट सर्विस यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) पर बेस्ड है। यह सिस्टम बैंक अकाउंट्स के बीच फंड के वास्तविक समय में ट्रांसफर की सुविधा देता है। एक अधिकारी ने कहा, 'वॉट्सऐप ने अभी तक बताया है कि फेसबुक और उसकी नॉन-वॉट्सऐप सब्सिडियरीज किसी कमर्शल मकसद के लिए वॉट्सऐप के UPI ट्रांजैक्शन डेटा का इस्तेमाल नहीं करतीं।'
हालांकि, वॉट्सऐप की क्लाउड सर्विस प्रवाइडर फेसबुक है। देश में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को लेकर बहस चल रही है और ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि वॉट्सऐप के पेमेंट सिस्टम पर एकत्र की गई कोई नॉन-कमर्शल या यूजर के बारे में कोई भी जानकारी फेसबुक या इसकी नॉन-वॉट्सऐप सब्सिडियरीज के साथ साझा नहीं की जाए।
वॉट्सऐप के नए ग्लोबल हेड विल कैथकार्ट ने भारत की अपनी यात्रा के दौरान कहा है कि वॉट्सऐप इस वर्ष के अंत तक देश में पेमेंट सर्विस शुरू करने की योजना बना रहा है। कैथकार्ट का प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अधिकारियों के साथ टेलिकॉम और आईटी मिनिस्टर रवि शंकर प्रसाद से भी मिलने का कार्यक्रम है। अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान कैथकार्ट को आशंकाओं की जानकारी दी जा सकती है।
वॉट्सऐप ने पिछले साल अक्टूबर में कहा था कि उसने भारत में पेमेंट्स से संबंधित डेटा को स्टोर करने के लिए एक सिस्टम डिवेलप किया है। उसका कहना था कि यह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ऐसे डेटा को देश में स्टोर करने की पॉलिसी के अनुसार है।
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