यूएई I प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शनिवार को यूएई के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'ऑर्डर ऑफ जायद' से सम्मानित किया गया. पीएम मोदी ने कहा कि इस पुरस्कार को लेकर मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं. यह भारत की 1.3 अरब जनता का सम्मान है. उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के बीच साझा सुरक्षा, शांति और समृद्धि के लिए रिश्तों के अभूतपूर्व तालमेल को दर्शाता है.

यूएई कश्मीर मसले पर भी भारत का समर्थन कर चुका है. पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर लगातार मुस्लिम देशों से समर्थन की अपील कर रहा है. हालांकि यूएई ने पाक को झटका देते हुए कहा था कि कश्मीर से धारा 370 हटाना भारत का आंतरिक मामला है. पीएम मोदी को यूएई का सर्वोच्च सम्मान मिलने के बाद तमाम पाकिस्तानी ट्विटर पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं-

आयशा नाम की यूजर ने लिखा, मोदी को यूएई का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला है? क्या उन्हें पता नहीं है कि वह कश्मीर में क्या कर रहे हैं? क्या यूएई मुस्लिम है भी?

एक यूजर ने लिखा, यूएई हमेशा से ही मुस्लिम देशों का दुश्मन रहा है, यमन में बम गिराना, फिलिस्तीन में मासूमों की हत्या का समर्थन और अब मोदी को सम्मान..

उजैर अहमद ने ट्विटर पर लिखा, "अगर कश्मीर का मसला सुलझ जाए तो हम फिर से भारतीय फिल्में देखने लगेंगे, हम हिपोक्रेट हैं. हम तभी बोलते हैं जब हमारे हितों को नुकसान पहुंचता है. दुबई के शेख की जितनी चाहे आलोचना कर लीजिए लेकिन उन्होंने वही किया जो उनके देश के हित में है."

कुमैल नाम के यूजर ने लिखा, इतिहास में दर्ज होगा कि जब कश्मीर संकट से गुजर रहा था, तो मुस्लिम देश मोदी को अवॉर्ड दे रहे थे.

एक पाकिस्तानी यूजर ने ईरान के राष्ट्रपति को पाकिस्तान से सम्मान देने की मांग कर डाली क्योंकि ईरान ने कश्मीर पर खुलकर अपनी बात कही.

ताहिर नाम के एक यूजर ने लिखा, मुस्लिम आजकल केवल एक ही शब्द जानते हैं- व्यापार. मोदी को सर्वोच्च सम्मान देना जले पर नमक छिड़कने जैसा है.

एक यूजर ने लिखा, यूएई को शर्म आनी चाहिए. कश्मीर में पाबंदियां जारी हैं..
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