नई दिल्ली। Jio के आने के बाद भारत में 4G की तस्वीर बदल गयी है। अब गांव-गांव तक 4G पहुंचाया जा रहा है। Jio, Airtel, Vodafone के बाद अब BSNL भी इसमें शामिल हो गया है। BSNL ने कई क्षेत्रों में 4G रोल-आउट कर दिया गया है। 5 साल पहले के भारत और आज के भारत में 4G के मामले में काफी बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं। हालांकि, इंटरनेट स्पीड को लेकर अभी भी यूजर्स परेशान ही रहते हैं। Jio हो या Airtel, भारत की टॉप कंपनियां होने के बावजूद यह उपभोक्ताओं को वो सेवा प्रदान करने में सफल नहीं रह पाई है, जो यूजर्स उम्मीद कर रहे हैं। यूजर्स के पास डाटा तो बहुत उपलब्ध होता है, लेकिन उस डाटा को इस्तेमाल करने के लिए स्पीड ही है है, तो भला उस डाटा का कोई करे क्या? ऐसे क्या कारण है की भारत अभी भी कई अन्य देशों के मुकाबले 4G स्पीड के मामले में पीछे ही है। इस पोस्ट में हम यह जानने की कोशिश करेंगे की 4G की स्लो स्पीड के पीछे क्या क्या कारण हो सकते हैं और इसे किन टिप्स को फॉलो कर के थोड़ा बेहतर किया जा सकता है।



भारत में क्यों है स्लो 4G स्पीड? इसका एक कारण कवरेज हो सकता है। इंटनरेट की स्पीड सिग्नल कवरेज पर आधारित होती है। पहले के मुताबिक 4G कवरेज में इजाफा जरूर हुआ है, लेकिन फिलहाल भारत में ऐसी कोई कंपनी नहीं है, जो इसे पूरी तरह से फिक्स कर दे। Jio के टेलिकॉम बाजार में आने के बाद सभी कंपनियों का फोकस प्लान्स की कीमत पर ज्यादा बढ़ गया है। इसके अलावा, नेटवर्क कैपेसिटी भी इसका एक कारण हो सकता है। अगर नेटवर्क कॉपर केबल की जगह ऑप्टिकल फाइबर से बना है, तो नेटवर्क स्पीड फास्ट होने की सम्भावना अधिक है। Jio इस मामले में बाकी नेटवर्क्स से बेहतर इसलिए है, क्योंकि इसका सबसे बड़ा ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क है। इसके बाद Airtel आता है। इस मामले में Jio दूसरी कंपनियों से आगे है।

4G स्पीड को कैसे करें बेहतर? 4G स्पीड कम आने के पीछे पूरा कारण टेलिकॉम ऑपरेटर भी नहीं है। दरअसल 4G की शुरुआत में इसकी कवरेज जाहिर तौर से उतनी अधिक नहीं होगी, लेकिन Jio के आने के बाद 4G इस्तेमाल करने वाले यूजर्स का स्पेक्ट्रम एकदम से बढ़ गया। बड़ी तादात में हुए इस शिफ्ट के कारण 4G LTE कनेक्टिविटी के साथ आने वाले स्मार्टफोन की रेंज बढ़ गयी। आप खुद से भी कुछ टिप्स फॉलो कर के 4G स्पीड को थोड़ा बेहतर कर सकते हैं।
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