पटना: बिहार में इसी साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में सब कुछ ठीक नजर नहीं आ रहा है। महागठबंधन में शामिल दलों के बीच अब बगावत के सुर सुनाई दे रहे हैं जिसकी एक सोमवार को दिखाई दी जब हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने सहयोगी लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को दो टूक कह दिया कि वो (आरजेडी) बड़े भाई की भूमिका में तो है लेकिन अपने कर्तव्य नहीं निभा पा रही है।
मांझी की धमकी
इतना ही नहीं मांझी ने यहां तक कह दिया कि यदि इस महीने के अंत तक उनकी बात नहीं मानी जाती है तो महागठबंधन में शामिल बांकि दल भी अपना अलग रास्ता अख्तियार कर सकते हैं। दरअसल सोमवार को महागठबंधन में शामिल दलों की एक बैठक हुई जिसमें वीआईपी पार्टी के मुकेश साहनी, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा तथा अन्य दल शामिल हुए।
इस दौरान मांझी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए सबसे पहले और जल्द एक समन्व्यय समीति का गठन हो। इस दौरान उन्होंने आरजेडी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि सिर्फ एक दल की वजह से ऐसा नहीं हो पा रहा है। वहीं मुकेश साहनी ने भी कहा कि अब छोटे दल ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते हैं।
कुशवाहा ने मीडिया को बता दिया जिम्मेदार
मांझी ने आरजेडी पर एक तरह से हमला करते हुए कहा कि उसने कांग्रेस को राज्यसभा सीट देने का वादा किया था लेकिन ऐन वक्त पर मुकर गई और व्यवसायी को टिकट दे दिया गाय। मांझी ने इस दौरान आरजेडी को अपने रवैये मे सुधार लाने की भी नसीहत दे डाली। वहीं रालोसपा मुखिया औऱ पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि महागठबंधन में सबकुछ ठीक है और मीडिया ही माहौल को खराब करने की कोशिश में जुटा हुआ है।
आरजेडी ने कांग्रेस को किया नजरअंदाज
आपको बता दें कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बिहार से दो राज्यसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों मैदान में उतार दिए हैं। राजद ने कांग्रेस की उस मांग को नजरअंदाज कर दिया, जिसमें उसने एक सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा करने की इच्छा जताई थी। हाल ही में कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल ने खुला पत्र लिखकर तेजस्वी यादव को राज्यसभा की एक सीट देने के वादे की याद दिलाई थी। राजद के इस कदम से कांग्रेस जहां हैरान हुई वहीं सहयोगी दलों ने इसके लिए राजद की आलोचना भी की।
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