नई दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण से मुकाबले की रणनीति में पेचीदगियां कम नहीं हो रही. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने माना है कि लक्षण रहित व्यक्ति से दूसरे लोगों को संक्रमण संभव है और यह भारत के लिए एक चिंता भी है और चुनौती भी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने आज कहा कि जिस संक्रामक रोग से हम आज लड़ रहे हैं उसने भारत ही नहीं पूरी दुनिया को कठिन स्थिति में डाल दिया है. यह भारत के लिए बड़ी चिंता का कारण है कि इस बीमारी में केवल वो लोग ही नहीं जिनमें लक्षण नजर आ रहे हैं. बल्कि लक्षण रहित लोग भी संक्रमण के वाहक हो सकते है.
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों का प्रतिशत काफी कम है. इस चुनौती से मुकाबले में यही उपाय सम्भव है कि फिलहाल हम सभी सोशल डिस्टेंसिंग यानी आम व्यवहार में एक सुरक्षित दूरी बनाए रखे. ताकि कोई भी व्यक्ति इस बीमारी को दूसरे तक पहुंचाने का जरिया न बने.
इस बीच सरकार ने इस बात को भी माना कि अस्पतालों में चिकित्साकर्मी भी इस संक्रमण का शिकार हो रहे हैं. लव अग्रवाल के मुताबिक बहुत कम संख्या में चिकित्सा पेशेवरों में भी यह संक्रमण पहुँच रहा है. लिहाज़ा इस बात पर खास ज़ोर दिया जा रहा है कि अस्पतालों में इस संक्रामक रोग के खिलाफ रोकथाम और बचाव के सभी उपायों का पूरी तरह पालन किया जाय. इसके लिए लगातार फील्ड स्तर स्टाफ के प्रशिक्षण पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है.
महत्वपूर्ण है कि बीते सप्ताह देश में 50 से अधिक चिकित्साकर्मियों के कोविड19 की चपेट में आने की पुष्टि हो चुकी है. वहीं लगातार बढ़ रहे इन मामलों के साथ यह आंकड़ा भी बढ़ रहा है. ऐसे में जमीनी से पर कोविड19 मरीजों को संभाल रहे सभी लोगों को पूरा एहतियात बरतने की ताकीद दी जा रही है.
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