नई दिल्ली। गूगल ने अप्रैल के दूसरे हफ्ते के दौरान हर दिन करीब 1.8 करोड़ मैलवेयर और फिशिंग ई-मेल दर्ज किए हैं, जो कोरोना वायरस से संबंधित थे. कोरोना वायरस ने आम लोगों में घबराहट पैदा कर दी है और शरारती और धोखाधड़ी करने वाले लोग आम लोगों में फैली इस अफरा-तफरी का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं. गूगल ने कहा है कि 1.8 करोड़ मैलवेयर और फिशिंग ई-मेल के अलावा  COVID-19 से संबंधित 24 करोड़ स्पैम मैसेज भी ट्रैक किए गए हैं.

गूगल ने कहा कि उसके मशीन लर्निंग टूल्स फिल्टर के ज़रिए इनमें से 99.9% स्पैम, फिशिंग और मैलवेयर को यूज़र्स तक पहुंचने से रोक दिया गया. गूगल के ब्लॉग पोस्ट में कहा गया है कि ये फिशिंग ई-मेल अपने फायदे के लिए यूज़र्स को डर और प्रलोभन दोनों के जरिए चाल में फंसाने की कोशिश करते हैं.

ऐसे हो रही है हैकिंग
गूगल ने आगे कहा कि COVID-19 के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले लोग WHO और इसी तरह की अन्य सरकारी और गैर -सरकारी वैध नाम-चीन संस्थाओं के नाम पर अनुदान मांगने वाले ईमेल भेजते हैं. इन ईमेल के साथ अटैच फाइल होती है जिसको डाउनलोड करते ही यूजर के कंप्यूटर में मैलवेयर चला जाता है जिससे हैकर की पहुंच यूज़र के संवेदनशील डेटा तक हो जाती है जिसका इस्तेमाल हैकर गलत उद्देश्य से कर सकते हैं.

गूगल अपनी फिल्टरिंग तकनीक को मजबूत करने के लिए डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर काम कर रहा है जिससे की WHO के नाम पर फ्रॉड मैसेज ना भेजे जा सकें. गूगल ने अपने यूज़र्स से सिफारिश की है कि वे अपने अकाउंट की सुरक्षा बढ़ाने के लिए Gmail पर सिक्योरिटी चेकअप पूरा करें.

ना करें ऐसी गलती
गूगल ने यूज़र्स को ये भी सलाह दी है कि वह अनजानी फाइलों को डाउनलोड करने से बचें और इन फाइलों को देखने के लिए Gmail से built-in document preview का प्रयोग करें. इसके अलावा URL की जांच करके देखें कि वह सहीं है या नहीं और अंदेशा होने पर फिशिंग ईमेल के बारे में गूगल को सूचित करें.
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