नई दिल्ली: पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लेने वाले कोरोना वायरस (Covid 19) को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा बयान दिया है। गडकरी ने साफ किया है कि यह वायरस कोई प्राकृतिक वायरस नहीं है बल्कि इसे प्रयोगशाला (Lab) में तैयार किया है। गडकरी ने कहा कि हमें कोरोना वायरस के साथ जिंदगी को जीने की कला को समझना होगा और दुनिया भर के कई देश एक वैक्सीन के लिए शोध कर रहे हैं। गडकरी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका लगातार कह रहा है कि चीन के लैब से ही यह वायरस आया है।
पहली बार भारत की तरफ से ऐसी प्रतिक्रिया
यह पहली बार है जब भारत सरकार ने इस जानलेवा वायरस की उत्पत्ति पर टिप्पणी की है। एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री द्वारा दिया गया यह बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि अधिकांश देशों ने वायरस के निर्माण के लिए चीन के वुहान स्थित एक प्रयोगशाला को दोषी ठहराया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हमें कुछ अच्छी कार्यप्रणाली की जरूरत है। तुरंत, हम (वायरस) की पहचान कर सकते हैं। यह अप्रत्याशित है क्योंकि यह प्रयोगशाला से निकला हुआ वायरस है, यह एक प्राकृतिक वायरस नहीं है।'
ट्रंप पहले ही चीन को ठहरा चुके हैं दोषी
गडकरी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका सहित दुनिया भर के देशों ने संदेह जताया है कि लाखों लोगों की जान ले चुके इस वायरस को मध्य चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान की प्रयोगशालाओं में तैयार किया गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कई सार्वजनिक मौकों पर चीन को दुनिया भर में वायरस फैलाने का दोषी ठहरा चुके हैं। उन्होंने इसे 'चीनी वायरस' के रूप में भी संदर्भित किया था। वायरस की उत्पत्ति के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराने परट्रम्प और चीनी राजनयिकों के बीच वाक- युद्ध भी हुआ था।

समस्या से मिलेगी निजात
हालांकि गडकरी ने कहा कि भारत सहित दुनिया के देश कोरोनोवायरस संकट से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, "तो, शायद दुनिया तैयार है, भारत तैयार है, वैज्ञानिक तैयार हैं और सिस्टम तैयार किया गया है जिसके द्वारा समाधान प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद हम एक सकारात्मक आत्मविश्वास पैदा कर सकते हैं। वैक्सीन लेने से कोई समस्या नहीं होगी। इसलिए, मुझे लगता है कि जितनी जल्दी हो सके, हमें इन सभी चीजों का वैकल्पिक समाधान मिलेगा और इससे समस्या से निजात मिलेगी।'
अमेरिका स्थित जॉन हॉपकिन विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में कोरोना मामलों की संख्या 43 लाख के करीब है, जिसमें मरने वालों की संख्या 2.92 लाख से अधिक है।

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